आजमगढ़: लॉकडाउन के दौरान जिले के आराजी बाग स्थित वृद्धाश्रम में संवासियों को पेयजल, चिकित्सा सुविधा, वस्त्र आदि की समुचित व्यवस्था सही ढंग से नहीं कराई जा रही. साथ ही शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. मंडलायुक्तल कनक लता त्रिपाठी ने मामले में दोषी पाए जाने वाले एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करते हुए कार्यों की जांच कराई.
तीन सदस्यीय टीम का गठन
आजमगढ़ की मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वित्त पोषित वृद्धाश्रम का संचालन लखनऊ की एनजीओ जेपीएस फाउंडेशन करता है. वृद्धाश्रम के संचालन में अनियमितता के संबंध में कई बार शिकायतें भी प्राप्त हुईं. इन शिकायतों पर पूरी गंभीरता दिखाते हुए 9 अप्रैल को अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, संयुक्त कृषि निदेशक एसके सिंह एवं उप निदेशक समाज कल्याण सुरेश चंद की 3 सदस्यीय टीम गठित कर मौके पर जांच कराई गई.
आश्रम में पाई गई अनियमितता
जांच में काफी अनियमितता व अव्यवस्था पाई गई और स्पष्ट हुआ कि आश्रम ग्राउंड फ्लोर पर न होकर निजी भवन के प्रथम तल पर है, जिससे बुजुर्गों को काफी समस्या होती हैं. 150 लोगों की क्षमता वाले इस वृद्ध आश्रम में 8 संवासी हैं और 13 कर्मचारियों में से 5 कर्मचारी ही उपस्थित हैं.
आश्रम में व्यवस्था है खराब
आश्रम का सबमर्सिबल विगत 6 महीने से खराब है, जिसके चलते पीने का पानी भी नहीं मिल पाता है. इसके साथ ही न तो यहां साबुन है और न ही सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था है. स्नान के लिए बुजुर्गों को बाहर जाना पड़ता है.
उच्च स्तरीय जांच कराई गई
मंडलायुक्त कनकलाता त्रिपाठी ने फाउंडेशन को ब्लैक लिस्टेड करते हुए इनके कार्यों की उच्चस्तरीय जांच कराई. साथ ही शासकीय धन के दुरुपयोग की वसूली करने का भी निर्देश दिया है. इसकी रिपोर्ट शासन को संस्तुति के लिए भेज दी गई है.