आजमगढ़: जिले में छठ महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस छठ महापर्व के लिए तमसा नदी के किनारे बने लगभग दो दर्जन से अधिक घाटों पर छठ माता की पूजा करने के लिए घाटों पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा.
तीन दशक से मनाया जाता है छठ महापर्व
जिले में विगत तीन दशक से छठ का त्योहार मनाया जा रहा है और विगत एक दशक से इस छठ महापर्व का व्यापक रूप देखने को मिल रहा है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में महिलाएं तमसा नदी के किनारे और गांव में तालाब पोखरों के किनारे डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से अपने मन की मुराद मांगती हैं. भगवान सूर्य और छठी मैया इन भक्तों की मनोकामना पूरी भी करती हैं.
इसे भी पढ़ें:- जौनपुर: छठ पूजा आते ही फलों के दाम पहुंचे आसमान पर
पति और बच्चों के सुख सलामती के लिए रखा जाता है छठ माता का व्रत
पांच वर्षों से छठ माता का व्रत रख रही व्रती सुनीता सिंह का कहना है कि 2015 से छठ व्रत की शुरुआत की थी और तब से लगातार व्रत रख रही हूं. सुनीता सिंह ने बताया कि हम लोग यह व्रत भगवान सूर्य से अपने पति, बच्चों और परिवार के सुख सलामती और मंगल कामना के लिए रखते हैं. तमसा नदी के दलाल घाट, गौरी शंकर घाट, कदम घाट, गोलाघाट सहित दो दर्जन से अधिक घाटों पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.