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आजमगढ़: अतरौलिया में मनाया गया भगवान राम और सीता का विवाहोत्सव - श्रीराम और सीता का विवाह

देशभर में धूमधाम से अयोध्या के राजकुमार राम के साथ मिथिला कुमारी सीता के प्रतीकात्मक विवाह का कार्यक्रम किया जा रहा है. इसी कड़ी में आजमगढ़ जिले के अतरौलिया में स्थित बहिरा देव स्थान में भगवान श्रीराम और सीता का विवाह धूमधाम के साथ मनाया गया.

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भगवान राम और सीता का विवाहोत्सव
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Published : Dec 2, 2019, 10:12 AM IST

आजमगढ़ः त्रेता युग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा जो कि अयोध्या से 21 नवंबर को निकली थी, आज मिथिला पहुंच चुकी है और आज भगवान श्रीराम के साथ जनक कुमारी सीता का धूमधाम से विवाह किया जा रहा है. बड़ी संख्या में भक्त भगवान श्रीराम के विवाह की खुशियां मना रहे हैं.

भगवान राम और सीता का विवाहोत्सव.
ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा विगत 9 लाख वर्ष पहले से अयोध्या से निकलकर जनकपुर को जाती है. अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान राम और सीता जी का विवाह हुआ था. त्रेतायुग में जिस मार्ग भगवार राम की अयोध्या से मिथिला के लिए बारात गई थी, आज भी उसी मार्ग से बारात जाती है.
पुराणों के अनुसार इसी मार्ग से 9 लाख वर्ष पहले राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ के साथ भगवान श्रीराम बारात लेकर गए थे. आज भी भगवान श्रीराम की बारात का स्वागत करने के लिए लोगों में उत्सुकता रहती है और हर वर्ष लोग बारात का इंतजार करते हैं.ऐसी मान्यता है, कि भगवान श्रीराम के विवाह के बाद चारों तरफ खुशियां मनाई गई थीं. इसी कारण से आज भी भगवान श्रीराम के विवाह के दिन बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य भगवान श्री राम के विवाह को सभी जनपदों में आयोजित कर खुशियां मना रहे हैं.

आजमगढ़ः त्रेता युग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा जो कि अयोध्या से 21 नवंबर को निकली थी, आज मिथिला पहुंच चुकी है और आज भगवान श्रीराम के साथ जनक कुमारी सीता का धूमधाम से विवाह किया जा रहा है. बड़ी संख्या में भक्त भगवान श्रीराम के विवाह की खुशियां मना रहे हैं.

भगवान राम और सीता का विवाहोत्सव.
ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा विगत 9 लाख वर्ष पहले से अयोध्या से निकलकर जनकपुर को जाती है. अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान राम और सीता जी का विवाह हुआ था. त्रेतायुग में जिस मार्ग भगवार राम की अयोध्या से मिथिला के लिए बारात गई थी, आज भी उसी मार्ग से बारात जाती है.
पुराणों के अनुसार इसी मार्ग से 9 लाख वर्ष पहले राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ के साथ भगवान श्रीराम बारात लेकर गए थे. आज भी भगवान श्रीराम की बारात का स्वागत करने के लिए लोगों में उत्सुकता रहती है और हर वर्ष लोग बारात का इंतजार करते हैं.ऐसी मान्यता है, कि भगवान श्रीराम के विवाह के बाद चारों तरफ खुशियां मनाई गई थीं. इसी कारण से आज भी भगवान श्रीराम के विवाह के दिन बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य भगवान श्री राम के विवाह को सभी जनपदों में आयोजित कर खुशियां मना रहे हैं.
Intro:Anchor: आज़मगढ़। त्रेता युग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा जो कि अयोध्या से 21 नवंबर को निकली थी आज मिथिला पहुंच चुकी और आज भगवान श्री राम और सीता का धूमधाम से विवाह किया जा रहा है और बड़ी संख्या में भक्त भगवान श्री राम के विवाह की खुशियां मना रहे।Body:वीओ: 1 आजमगढ़ जनपद के अतरौलिया के बहिरा देव स्थान में भगवान श्री राम और सीता का विवाह आज धूमधाम के साथ मनाया गया त्रेता युग से निकलने वाली भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा विगत 9 लाख वर्ष पहले से अयोध्या से निकलकर जनकपुर को जाती है। अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान राम और सीता जी का विवाह हुआ था। अयोध्या से निकलने वाली भगवान श्री राम की यह वैवाहिक गया था उसी मार्ग से होकर आज भी जाती है जिस मार्ग से 900000 वर्ष पहले राजा दशरथ विश्वामित्र भगवान श्री राम की यह बारात लेकर गए थे और यही कारण है कि आज भी भगवान श्रीराम की बारात का स्वागत करने के लिए लोगों में उत्सुकता रहती हैं और इंतजार रहता है।Conclusion: अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम के विवाह के बाद चारों तरफ खुशियां मनाई जाती हैं और यही कारण है कि भगवान श्रीराम के इस विवाह में बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य भगवान श्री राम के विवाह को सभी जनपदों में आयोजित कर खुशियां मना रहे हैं।
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