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आजमगढ़: शिब्ली एकेडमी में बापू ने बनाई थी आजादी की लड़ाई के लिए रणनीति

यूपी के आजमगढ़ से महात्मा गांधी का गहरा रिश्ता रहा है. जनपद की शिब्ली एकेडमी में बापू ने लोगों संग बैठकर देश को आजाद कराने के लिए रणनीति बनाई थी. गांधी जयंती पर पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट...

आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से गांधी का गहरा नाता
आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से गांधी का गहरा नाता
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Published : Oct 2, 2020, 3:01 PM IST

आजमगढ़: देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का आजमगढ़ से गहरा नाता रहा है. आजादी की लड़ाई से पूर्व महात्मा गांधी आजमगढ़ कई बार आए. बापू यहां के शिब्ली एकेडमी में लोगों के साथ देश को आजाद कराने के लिए बैठक कर रणनीति बनाई. महात्मा गांधी का लिखा हुआ पत्र आज भी शिब्ली एकेडमी के लाइब्रेरी में सुरक्षित रखा हुआ है.

आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से था बापू का गहरा नाता.
इस संबंध में शिब्ली एकेडमी के लाइब्रेरियन उम्मैर नदवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि महात्मा गांधी जब आजमगढ़ जनपद आए थे, उस समय शाम का वक्त था और नमाज पढ़ी जा रही थी. इसी वजह से महात्मा गांधी ने सभी को चुप रहने की अपील की, जिसके बाद सभी लोग चुप हो गए और नमाज के बाद वो सभी लोगों से मिले.
आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से गांधी का गहरा नाता.
आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी में रखा है बापू का लिखा पत्र.

इसके बाद उन्हें लाइब्रेरी ले जाया गया. उम्मैर नदवी ने बताया कि वह शाम का समय था, गांधी जी लालटेन की रोशनी में लोगों से मिले और देश को आजाद कराने के लिए आजमगढ़ के लोगों संग बैठकर रणनीति बनाई. उम्मैर नदवी बताते हैं कि महात्मा गांधी यहां के गेस्ट हाउस में रुके थे. उन्होंने कहा कि, हम लोग अपने को बहुत खुशनसीब मांगते हैं कि आज जिस अकादमी में हम खड़े हैं यहां पर महात्मा गांधी के पैर पड़े थे.

आजमगढ़: देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का आजमगढ़ से गहरा नाता रहा है. आजादी की लड़ाई से पूर्व महात्मा गांधी आजमगढ़ कई बार आए. बापू यहां के शिब्ली एकेडमी में लोगों के साथ देश को आजाद कराने के लिए बैठक कर रणनीति बनाई. महात्मा गांधी का लिखा हुआ पत्र आज भी शिब्ली एकेडमी के लाइब्रेरी में सुरक्षित रखा हुआ है.

आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से था बापू का गहरा नाता.
इस संबंध में शिब्ली एकेडमी के लाइब्रेरियन उम्मैर नदवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि महात्मा गांधी जब आजमगढ़ जनपद आए थे, उस समय शाम का वक्त था और नमाज पढ़ी जा रही थी. इसी वजह से महात्मा गांधी ने सभी को चुप रहने की अपील की, जिसके बाद सभी लोग चुप हो गए और नमाज के बाद वो सभी लोगों से मिले.
आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी से गांधी का गहरा नाता.
आजमगढ़ की शिब्ली एकेडमी में रखा है बापू का लिखा पत्र.

इसके बाद उन्हें लाइब्रेरी ले जाया गया. उम्मैर नदवी ने बताया कि वह शाम का समय था, गांधी जी लालटेन की रोशनी में लोगों से मिले और देश को आजाद कराने के लिए आजमगढ़ के लोगों संग बैठकर रणनीति बनाई. उम्मैर नदवी बताते हैं कि महात्मा गांधी यहां के गेस्ट हाउस में रुके थे. उन्होंने कहा कि, हम लोग अपने को बहुत खुशनसीब मांगते हैं कि आज जिस अकादमी में हम खड़े हैं यहां पर महात्मा गांधी के पैर पड़े थे.

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