आजमगढ़: जिले में प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. जनपद में अब तक 1,65,000 से अधिक प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं. इन प्रवासी श्रमिकों को जनपद में रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र जनपद के किसानों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर रहा है, ताकि वह अपना रोजगार कर अपनी आजीविका चला सकें.
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. एम. सिंह का कहना है कि भारत सरकार की ओर से रोजगार देने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके तहत 35 किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. जनपद में 1,65,000 से अधिक प्रवासी श्रमिक आए हैं. इनमें से 560 किसानों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें 16 ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत ट्रेंड किया जाएगा. इस तरीके से किसान अपने गृह जनपद में अपनी आजीविका चला सकेंगे.
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. एम. सिंह का कहना है कि इन किसानों को जनपद में स्वावलंबी बनाया जाए, ताकि उन्हें रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े. इसके लिए 16 ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. इसमें मधुमक्खी पालन, बागवानी नर्सरी, समेकित कृषि प्रणाली, मुर्गी पालन, कुक्कुट पालन, बीज उत्पादन के साथ-साथ विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि किसानों को लाभ मिल सके. साथ ही उन्हें अपने जनपदों में आजीविका चलाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
कृषि विज्ञान की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का मुख्य मकसद प्रवासी श्रमिकों स्वावलंबी बनाना है, जिससे इन्हें रोजगार के लिए फिर किसी प्रदेश की तरफ न जाना पड़े. इसके साथ ही यह अपने गृह जनपद में रहते हुए अपनी आजीविका चला सकें.