आजमगढ़: देशभर में 17 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाने की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने करवा चौथ पर जनपद की शिक्षिकाओं को तोहफा देते हुए गुरुवार को शिक्षिकाओं को कार्य से विमुख रखा गया.
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और इनमें मेंहदी का सबसे अधिक महत्व होता है. बुधवार को सहारनपुर जिले के बाजारों में महिलाएं अलग-अलग डिजाइन की मेंहदी लगवाती नजर आईं.
शिक्षिकाओं को मिला करवा चौथ का तोहफा
जिले में लगभग 50 फीसदी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षिकाओं की तैनाती है तो इस अवसर पर बीएसए ने महिलाओं को तोहफा देते हुए 17 अक्टूबर को होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा अब सीधे 24 अक्टूबर को टाल दी है. साथ ही बाकी की परीक्षाएं यथावत चलती रहेंगी.
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प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की अर्धवार्षिक परीक्षा 17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक होनी थी, लेकिन जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां बड़ी संख्या में महिला शिक्षिकाएं अध्यापन का कार्य करती हैं. महिला शिक्षिकाओं को कोई समस्या न हो इसलिए 17 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा को शिफ्ट करते हुए 24 अक्टूबर कर दिया गया है.
-देवेंद्र कुमार पांडे, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
सहारनपुर में करवा चौथ
जिले में करवा चौथ के त्योहार की तैयारियां महिलाओं ने पूरी कर ली है. इस दिन महिलाओं के सोलह श्रृंगार करने में मेहंदी का महत्व भी अधिक होता है. माना जाता है कि जितना मेहंदी का रंग चढ़ेगा, उतना ही पति आपको प्यार करता है. बाजारों में महिलाएं अलग-अलग डिजाइन के साथ मेंहदी लगवाती नजर आईं.
श्रृंगार के लिये महिलाओं की तैयारियां पूरी
करवा चौथ की पूर्व संध्या पर सुहागिन महिलाएं न सिर्फ पतियों को रिझाने के लिए डिजाइनर मेंहदी लगवाईं बल्कि फेशियल, थ्रेडिंग, समेत तमाम ब्यूटी ट्रीटमेंट भी करवाया.
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