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आजमगढ़ में 14 साल बाद तमसा ने दिखाया रौद्र रूप, खतरे में 20 हजार की आबादी - rain in azamgarh

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में लगातार बारिश से तमसा नदी उफान पर है. वहीं बांधों में बने रेगुलेटरों से भी रिसाव शुरू हो गया है, जिसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है.

बाढ़ से जनजीवन प्रभावित.
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Published : Oct 5, 2019, 8:25 PM IST

आजमगढ़: शहर को तीन तरफ से घेरकर बहने वाली जीवनदायिनी तमसा कई दिनों तक हुई बारिश से उफान पर है. वहीं नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके किनारे रहने वाले हजारों लोगों का जीवन संकट में दिख रहा है. नदी का उफान ऐसा है कि बाढ़ के कारण लगभग 20 हजार की आबादी खतरे में पड़ गई है.

बाढ़ से जनजीवन प्रभावित.

ये भी पढ़ें- आजमगढ़ में घाघरा ने दिखाया रौद्र रूप, कई गांवों से संपर्क टूटा

2005 के बाद तमसा नदी में पानी नाम मात्र का ही रह गया था. ऐसे में लोग नदी के किनारे तक मकान बनवाकर रहने लगे. अब जब नदी ने अपना विकराल रूप दिखाया तो कुछ लोग तो घरों को छोड़कर पलायन कर गए लेकिन अब भी कई लोग छतों का सहारा लिए हुए हैं. तमसा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 1 मीटर 58 सेमी नीचे रह गया है. ऐसे में अगर नदी की रफ्तार यूं ही रही तो सैकड़ों परिवार की जिंदगी बाढ़ से प्रभावित हो सकती है.

आजमगढ़: शहर को तीन तरफ से घेरकर बहने वाली जीवनदायिनी तमसा कई दिनों तक हुई बारिश से उफान पर है. वहीं नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके किनारे रहने वाले हजारों लोगों का जीवन संकट में दिख रहा है. नदी का उफान ऐसा है कि बाढ़ के कारण लगभग 20 हजार की आबादी खतरे में पड़ गई है.

बाढ़ से जनजीवन प्रभावित.

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2005 के बाद तमसा नदी में पानी नाम मात्र का ही रह गया था. ऐसे में लोग नदी के किनारे तक मकान बनवाकर रहने लगे. अब जब नदी ने अपना विकराल रूप दिखाया तो कुछ लोग तो घरों को छोड़कर पलायन कर गए लेकिन अब भी कई लोग छतों का सहारा लिए हुए हैं. तमसा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 1 मीटर 58 सेमी नीचे रह गया है. ऐसे में अगर नदी की रफ्तार यूं ही रही तो सैकड़ों परिवार की जिंदगी बाढ़ से प्रभावित हो सकती है.

Intro:नोट: दो पीड़ित की बाइट रैप से है।

एंकर- आज़मगढ़ शहर को तीन तरफ से घेर कर बहने वाली जीवनदायनी तमसा कई दिनों तक हुई बरसात से उफान पर है वही नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके किनारे रहने वाले हज़ारो लोगो का जीवन संकट में पड़ा है।


Body:वीवो1- 14 वर्षो से जल के आभाव में दम तोड़ रही मोक्ष दायिनी तमसा लगातार हुई बरसात से तृप्त हो गयी लेकिन नदी का उफान ऐसा है कि बाढ़ के कारण लगभग 30 हज़ार की आबादी खतरे में पड़ गयी है। क्योंकि यह नदी शहर को तीन तरफ से घेर का बहती है ऐसे में नदी के किनारे बनाये गए बांधो पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है। वही बांधो में बने रेगुलेटरों से रिसाव भी शुरू हो गया है। जिसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है तो वही आमजन भय के साये में जीने को मजबूर है।

वीवो2- 2005 के बाद नदी में पानी नाममात्र का रह गया था ऐसे में लोग नदी के किनारे तक मकान बनवा कर रहने लगे अब जब नदी ने इनको अपना विकराल रूप दिखया तो कई लोग अपने घरों को छोड़ कर पलायन कर गए तो वही कई लोग अभी भी छतों का सहारा लिए हुए है। वही कुछ लोग नदी पर बन रहे पुल पर प्लास्टिक डाल कर रह रहे है।


Conclusion:मंगलवार को तमसा का जलस्तर खतरे के निशान 74.800 मीटर के नीचे 73.220मीटर पर दर्ज किया गया। यानी खतरा निशान से मात्र 1 मीटर 58 सेमी नीचे जलस्तर रह गया है।यदि नदी की रफ्तार ऐसे ही रही तो अभी सैकड़ो परिवार बाढ़ से प्रभावित हो सकते है।
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