आजमगढ़: होम्योपैथिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया और राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज चंडेश्वर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी में बड़ी संख्या में देश-प्रदेश के डाक्टरों ने विश्व में आतंक का पर्याय बने कोरोना वायरस पर चर्चा की. इस कार्यक्रम में शामिल बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने होम्योपैथी को एलोपैथी से बेहतर बताया.
राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि हमारे पूर्वज भी होम्योपैथी की दवा करते थे. आज एलोपैथी से लोग दूर हो रहे हैं. आज लोग आयुर्वेद और होम्योपैथिक की तरफ जा रहे हैं और लोग मान रहे हैं कि यही असली दवा है जो रोग को जड़ से खत्म करती है.
राज्यपाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि होम्योपैथिक की अच्छी-अच्छी दवाओं का निर्माण और हो. हमारी शुभकामना है कि होम्योपैथी को लोग अपनाएं और आगे बढ़ें. राष्ट्रीय होम्योपैथिक संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर भक्तवत्सल का कहना है कि विश्व में जिस तरह से कोरोना वायरस फैला है. होम्योपैथी ने देश में इससे लड़ने की दवा इजाद भी कर ली है.
संयोजक का कहना है कि लगातार होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही रिसर्च के बारे में जागरूक किया जा रहा है. होम्योपैथिक के विकास और जन-जन तक फैलाने के लिए इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है.
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य मकसद विश्व में आतंक का पर्याय बने कोरोना वायरस और होम्योपैथी द्वारा विकसित की गई दवा के बारे में चर्चा करना था. जिस तरह लगातार होम्योपैथी में चेन्नई में रिसर्च हो रही है उसके बारे में डॉक्टरों के अनुभव को भी साझा करना था.
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