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आजादी के अमृत महोत्सव पर पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित - आजमगढ़ का समाचार

आजमगढ़ में आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी. जिससे वहां पूरा माहौल देशभक्तिमय हो गया.

पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित
पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित
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Published : Dec 16, 2021, 5:50 PM IST

आजमगढ़ः जिले में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. इसमें मुंबई से आए बैंड के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक देश भक्ति गीत गाकर वहां मौजूद सभी लोगों को देशभक्तिमय कर दिया. इस कार्यक्रम के बहाने 1971 में हिस्सा लेने वाले पूर्व सेनिकों को सम्मानित किया गया.

इन सैनिकों के अदम्य साहस से हमें 1971 में पाक के खिलाफ जीत हासिल हुई. इस कार्यक्रम में पहुंचे अयोध्या के महंत राजकुमार दास ने कहा कि आजमगढ़ ऋषि-मुनियों की पावन भूमि है. भारत का इतिहास स्वर्णिम रहा है. राजकुमार दास ने कहा कि हम जिस अयोध्या से आते हैं. वो राष्ट्र मंगल करता है. उन्होंने राम का अर्थ बताते हुए कहा कि रा से राष्ट्र और म से मंगल, आज भारत नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है. यहां की धरती ने विश्व में शांति शिक्षा के साथ नई दिशा देने का काम किया है.

पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित

महंत राजकुमार दास ने कहा कि हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर लोगों के बीच पेश किया गया है. इसको लगातार सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. हम मैकाले की शिक्षा पद्धति को नहीं पढ़ेंगे. हम चाणक और अरस्तु को पढ़ेंगे. उन्होंने सियासत करने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे लोग पहले इतिहास का अध्ययन कर लें. हमारे यहां ऋषि मुनियों की परंपरा रही है. हम बाल्मीकि और तुलसीदास को पड़ेंगे. भारत आज नई तरुणाई ले रहा है वो नया इतिहास लिखेगा.

इसे भी पढ़ें- विजय दिवस: 1971 में पाकिस्तान पर मिली विजय में औरैया के 7 रणबाकुरों ने दी थी शहादत

महंत राजकुमार दास ने उर्दू शायर की शायरी पर चर्चा करते हुए कहा कि न कोई भूखा रहेगा, न नंगा रहेगा, बता दो सभी को तिरंगा रहेगा. जो हमें बाटंते हैं, वो झंडा झुका दो, सभी के हाथों में तिरंगा थमा दो. हम लगातार शक्तिशाली हो रहे हैं. सियासत करने वालों की अपनी फितरत है. भारत का पैगाम विश्व में शांति प्यार और मानवता का रहा है.

आजमगढ़ः जिले में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. इसमें मुंबई से आए बैंड के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक देश भक्ति गीत गाकर वहां मौजूद सभी लोगों को देशभक्तिमय कर दिया. इस कार्यक्रम के बहाने 1971 में हिस्सा लेने वाले पूर्व सेनिकों को सम्मानित किया गया.

इन सैनिकों के अदम्य साहस से हमें 1971 में पाक के खिलाफ जीत हासिल हुई. इस कार्यक्रम में पहुंचे अयोध्या के महंत राजकुमार दास ने कहा कि आजमगढ़ ऋषि-मुनियों की पावन भूमि है. भारत का इतिहास स्वर्णिम रहा है. राजकुमार दास ने कहा कि हम जिस अयोध्या से आते हैं. वो राष्ट्र मंगल करता है. उन्होंने राम का अर्थ बताते हुए कहा कि रा से राष्ट्र और म से मंगल, आज भारत नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है. यहां की धरती ने विश्व में शांति शिक्षा के साथ नई दिशा देने का काम किया है.

पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित

महंत राजकुमार दास ने कहा कि हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर लोगों के बीच पेश किया गया है. इसको लगातार सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. हम मैकाले की शिक्षा पद्धति को नहीं पढ़ेंगे. हम चाणक और अरस्तु को पढ़ेंगे. उन्होंने सियासत करने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे लोग पहले इतिहास का अध्ययन कर लें. हमारे यहां ऋषि मुनियों की परंपरा रही है. हम बाल्मीकि और तुलसीदास को पड़ेंगे. भारत आज नई तरुणाई ले रहा है वो नया इतिहास लिखेगा.

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महंत राजकुमार दास ने उर्दू शायर की शायरी पर चर्चा करते हुए कहा कि न कोई भूखा रहेगा, न नंगा रहेगा, बता दो सभी को तिरंगा रहेगा. जो हमें बाटंते हैं, वो झंडा झुका दो, सभी के हाथों में तिरंगा थमा दो. हम लगातार शक्तिशाली हो रहे हैं. सियासत करने वालों की अपनी फितरत है. भारत का पैगाम विश्व में शांति प्यार और मानवता का रहा है.

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