आजमगढ़ : जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा दम तोड़ रही है. दरअसल, आजमगढ़ के जिलाअधिकारी शिवाकांत द्विवेदी का दावा है कि जनपद में मनरेगा के तहत दो लाख 41 हजार जॉब कार्ड होल्डर हैं और एक लाख 47 हजार श्रमिकों को काम दिया गया.
मगर श्रमिकों का आरोप है कि उनसे काम तो कराया गया लेकिन पैसा नहीं दिया गया. जब इस बारे में गांव के प्रधान से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
नीबी गांव की निवासी लालती का कहना है कि मनरेगा योजना के तहत हम से काम कराया गया लेकिन हमें पैसा नहीं दिया गया. गांव के सुनीत व बुद्धिराम का भी यही आरोप है कि हम लोगों से काम तो कराया गया लेकिन पैसा नहीं दिया गया.
वहीं, जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने जनपद में मनरेगा योजना को सफल बताते हुए कहा कि अभी इस योजना के तहत जनपद में और अधिक कार्य करने की जरूरत है.
बताते चलें कि जहां एक ओर जिलाधिकारी मनरेगा योजना के तहत लाखों श्रमिकों को काम मिलने की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गांव के मजदूरों का आरोप है कि इस योजना के तहत न तो उन्हें काम मिल रहा है, और अगर काम मिला तो उसका बकाया पैसा नहीं मिला. इस प्रकार की व्यवस्था निश्चित रूप से सरकार व सिस्टम पर सवालिया निशान लगाती नजर आ रही है.
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