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आजमगढ़: 13 नोडल अधिकारियों के खिलाफ शुरू हुई जांच, राशन चोरी में कर रहे थे सहयोग - आजमगढ़ समाचार

यूपी के आजमगढ़ में डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने लॉकडाउन के दौरान कोटेदारों द्वारा राशन के लेन-देन में अनियमितता देखते हुए कड़ी कार्रवाई की है. जिले के चार कोटेदारों और दो ग्राम प्रधानों को जेल भेज दिया है.

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डीएम आजमगढ़
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Published : Apr 10, 2020, 7:29 AM IST

आजमगढ़ः गरीबों और मनरेगा के मजदूरों के पैसों में हेराफेरी और राशन में घटतौल करने पर कड़ी कार्रवाई हुई है. डीएम ने अनियमितता के आरोप में 15 सरकारी राशन की दुकानों को निलंबित कर दिया. वहीं 4 कोटेदारों और 2 ग्राम प्रधानों को जेल भिजवा दिया है. डीएम के इस एक्शन से जिले के राशन माफियाओं में हड़कंप मच गया है.


सरकारी गल्ले की 15 दुकाने सील
मीडिया से बातचीत करते डीएम ने बताया कि जिले के सठियांव गांव में मनरेगा की धनराशि निकालने में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए गांव के ऊपर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं इस धांधली में सहायता करने पर बैंक मित्र का लाइसेंस निरस्त करने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने बताया कि अभी तक कोटे की जिन 15 दुकानों को सील किया गया है, वहां पर नोडल अफसर के रूप में सेक्रेटरी और लेखपाल को भी तैनात किया गया था.

13 नोडल अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच
इन पंद्रह नोडल अफसरों में से मात्र दो नोडल अधिकारियों ने अनियमितता की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई थी. बाकी 13 अधिकारियों ने अनियमितता की सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी थी. इसी आधार पर इन 13 नोडल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.

आजमगढ़ः गरीबों और मनरेगा के मजदूरों के पैसों में हेराफेरी और राशन में घटतौल करने पर कड़ी कार्रवाई हुई है. डीएम ने अनियमितता के आरोप में 15 सरकारी राशन की दुकानों को निलंबित कर दिया. वहीं 4 कोटेदारों और 2 ग्राम प्रधानों को जेल भिजवा दिया है. डीएम के इस एक्शन से जिले के राशन माफियाओं में हड़कंप मच गया है.


सरकारी गल्ले की 15 दुकाने सील
मीडिया से बातचीत करते डीएम ने बताया कि जिले के सठियांव गांव में मनरेगा की धनराशि निकालने में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इस पर कार्रवाई करते हुए गांव के ऊपर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं इस धांधली में सहायता करने पर बैंक मित्र का लाइसेंस निरस्त करने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने बताया कि अभी तक कोटे की जिन 15 दुकानों को सील किया गया है, वहां पर नोडल अफसर के रूप में सेक्रेटरी और लेखपाल को भी तैनात किया गया था.

13 नोडल अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच
इन पंद्रह नोडल अफसरों में से मात्र दो नोडल अधिकारियों ने अनियमितता की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई थी. बाकी 13 अधिकारियों ने अनियमितता की सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी थी. इसी आधार पर इन 13 नोडल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.

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