आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी. इस मामले में चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार छात्रा ने मानसिक प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या की थी. साथ ही कॉलेज द्वारा साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास भी किया गया था. इसलिए पुलिस आरोपियों पर धारा 306 और 302 के तहत कार्रवाई करते हुए जांच कर रही है.
महिला संगठन और छात्रों ने किया प्रदर्शनः शहर से सटे हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में सोमवार यानी 31 जुलाई को छात्रा श्रेया की संदिग्ध अवस्था में तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी. परिजनों ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. मंगलवार को छात्रा की मौत को लेकर गुस्साए लोगों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. महिला संगठन समेत बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए. इस दौरान लोगों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कॉलेज बंद कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे थे.
जांच के लिए एसपी ने बनाई टीमः गुरुवार को पुलिस ने कॉलेज की प्रिंसिपल सुमन मिश्रा निवासी खत्री टोला और क्लास टीचर अभीषेक राय निवासी मऊ को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही प्रिंसिपल के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया. एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि प्रिंसिपल और क्लास टीचर को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में सीओ सीटी, एसएचओ सिधारी और महिला थाने की एसएचओ के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी.
घटना से पहले प्रिंसिपल के ऑफिस गई थी छात्राः एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सीसीटीवी की डीवीआर को जब्त किया गया है. जांच में सामने आया है कि 31 जुलाई को 12 बजे कक्षा से निकलकर छात्रा प्रिंसपल के ऑफिस में गई और फिर बाहर आने के बाद प्रिंसपल के आफिस के बाहर काफी देर तक खड़ी रही. इसके बाद वह करीब सवा एक बजे तेजी के साथ सीढ़ियों के रास्ते तीसरी मंजिल पर पहुंची.
स्कूल प्रबंधन ने साक्ष्य मिटाने का किया प्रयासः एसपी ने बताया कि छात्रा के तीसरी मंजिल से गिरने का सीसीटीवी वीडियो भी मिला है. मौके पर फील्ड यूनिट ने बेंजाडीन टेस्ट किया. जिसमें यह प्रमाणित हुआ कि जहां छात्रा गिरी थी, वहां काफी मात्रा में ब्लड मौजूद था. लेकिन, उस ब्लड को स्कूल प्रबंधन के लोगों द्वारा पानी से धुल दिया गया था. जिससे यह साफ होता है कि यह साक्ष्य मिटाने का अपराध है. पुलिस ने इस मुकदमे में धारा 201 का भी समावेश किया है. पुलिस की अभी तक की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि छात्रा के पास मोबाइल मिला था. जिसकी कॉलेज द्वारा प्रोफेसनल काउंसलिंग नहीं की गई. बल्कि अमानविय दृष्टिकोण अपनाते हुए छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था.
घटना से पहले प्रिंसिपल रूम में दी गई मानसिक प्रताड़नाः एसपी ने बताया कि घटना वाले दिन भी क्लास अटेंड कराने के बजाय छात्रा को प्रिंसिपल रूम में मानसिक प्रताड़ना दी गई. प्रिंसिपल के रूम के बाहर सजा के तौर पर छात्रा को काफी देर तक खड़ा रखा गया था. जिसके बाद छात्रा ने यह कदम उठाया था. इसलिए मुकदमे में धारा 306 और 201 का समावेश कर दिया गया है. इस मामले में अभी जांच जारी है. इसमें जो भी लोग और शामिल होगें, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
घटना वाले दिन क्या हुआ थाः रानी की सराय थाना क्षेत्र के रूदरी मोड़ की रहने वाली छात्रा श्रेया तिवारी कक्षा 11 की छात्रा थी. वह चिल्ड्रेन सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में पढती थी. 31 जुलाई को वह स्कूल गई थी. वहां तीसरी मंजिल से गिरकर उसकी मौत हो गई. घटना से स्कूल प्रशासन में हडकंप मच गया. परिजनों का आरोप था कि उनको कई घंटे तक गुमराह किया गया. परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बेटी की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि साक्ष्यों को स्कूल प्रशासन ने मिटा दिया.
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