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आजमगढ़ में सीएम योगी के मंच पर भाजपा से निष्काषित पिता व बेटे की मौजूदगी के क्या हैं सियासी मायने? - mlc vikrant singh

सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को आजमगढ़ के दौरे पर थे. इस दौरान उनके मंच पर भाजपा से निष्काषित पूर्व एमएलसी पिता व एमएलसी बेटे की मौजूदगी चर्चा का विषय रही. इसके सियासी मायने क्या निकाले जा रहे हैं चलिए जानते हैं?

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बीजेपी से निष्कासित पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह और वर्तमान एमएलसी विक्रांत सिंह रिशू को योगी के मंच पर मिलने से जनपद में बढ़ी सियासी सरगर्मी
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Published : Aug 4, 2022, 7:47 PM IST

आजमगढ़: जिले में सीएम योगी की जनसभा के दौरान मंच पर बीजेपी से निष्कासित एमएलसी यशंवत सिंह और उनके पुत्र विक्रांत सिंह की मौजूदगी ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. चर्चा की जा रही है कि कहीं उनकी बीजेपी में वापसी तो नहीं हो रही है.

दरअसल, एमलसी चुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़-मऊ सीट से फूलपुर के पूर्व विधायक व बाहुबली रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव को मैदान में उतारा था. वहीं टिकट न मिलने पर नाराज होकर बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह ने पुत्र विक्रांत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतार दिया था. पार्टी ने यशवंत सिंह को 04 अप्रैल 2022 को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. एमएलसी चुनाव में यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह को जीत मिली थी. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी अरुणकांत व सपा प्रत्याशी राकेश यादव तीसरे नंबर पर रहे थे. उस चुनाव में सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी.

हालांकि चुनाव के बाद पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह ने बीजेपी से निष्कासन को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें निष्कासन से संबंधित कोई पत्र मिला ही नहीं तो वह कैसे पार्टी से बाहर हो गए. लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान से दो दिन पूर्व पिता-पुत्र बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने में जुट गए थे. इसके बाद ही अटकलें लगने लगीं थीं कि यशवंत सिंह की बीजेपी में वापसी हो सकती है. गुरुवार को सीएम योगी के मंच पर पुत्र के साथ उनकी मौजूदगी ने सियासी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. यशंवत सिंह सीएम य़ोगी के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने सीएम के लिए विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ी थी.

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आजमगढ़: जिले में सीएम योगी की जनसभा के दौरान मंच पर बीजेपी से निष्कासित एमएलसी यशंवत सिंह और उनके पुत्र विक्रांत सिंह की मौजूदगी ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. चर्चा की जा रही है कि कहीं उनकी बीजेपी में वापसी तो नहीं हो रही है.

दरअसल, एमलसी चुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़-मऊ सीट से फूलपुर के पूर्व विधायक व बाहुबली रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव को मैदान में उतारा था. वहीं टिकट न मिलने पर नाराज होकर बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह ने पुत्र विक्रांत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतार दिया था. पार्टी ने यशवंत सिंह को 04 अप्रैल 2022 को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. एमएलसी चुनाव में यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह को जीत मिली थी. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी अरुणकांत व सपा प्रत्याशी राकेश यादव तीसरे नंबर पर रहे थे. उस चुनाव में सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी.

हालांकि चुनाव के बाद पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह ने बीजेपी से निष्कासन को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें निष्कासन से संबंधित कोई पत्र मिला ही नहीं तो वह कैसे पार्टी से बाहर हो गए. लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान से दो दिन पूर्व पिता-पुत्र बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने में जुट गए थे. इसके बाद ही अटकलें लगने लगीं थीं कि यशवंत सिंह की बीजेपी में वापसी हो सकती है. गुरुवार को सीएम योगी के मंच पर पुत्र के साथ उनकी मौजूदगी ने सियासी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. यशंवत सिंह सीएम य़ोगी के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने सीएम के लिए विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ी थी.

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