आजमगढ़: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते विभाग को हुए नुकसान व हड़ताल को अप्रत्यक्ष समर्थन देने के आरोप में आजमगढ़ के चीफ इंजीनियर को शासन ने निलंबित कर दिया है. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने यह कार्रवाई की है. इस कार्रवाई से बिजली विभाग के अन्य अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया है.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने सोमवार की देर रात मुख्य अभियंता वितरण मंडल आजमगढ़ अनिल नरायण सिंह को कई गंभीर आरोप के चलते निलंबित कर दिया. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को मुख्य अभियंता ने अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया, जिसके चलते पारेषण एवं वितरण के अनेक विद्युत पोषक बंद हो गए और इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई.
हड़ताल के दौरान बिजली कटौती के चलते आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ी. बिजली आपूर्ति न होने से अनेक आवश्यक सेवाओं में व्यवधान आया और कानून व्यवस्था भी भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो गई. इतना ही नहीं कॉरपोरेशन को वित्तीय हानि भी हुई और राजस्व वसूली घटने के कारण वित्तीय संकट भी खड़ा हो गया.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने जारी किए अपने आदेश में कहा है कि हड़ताल व कार्य बहिष्कार का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर चीफ इंजीनियर ने अपने सरकारी सेवक आचरण नियमावली का घोर उल्लंघन किया है, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की अवधि में चीफ इंजीनियर अनिल नारायण सिंह को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेट वाराणसी से संबद्ध किया गया है.
ये भी पढ़ेंः UP में सड़क हो गई चोरी, PWD मंत्री के गृह जनपद में हुआ ये अनोखा मामला