आजमगढ़: जिले के योगी राज में छठ पूजा के दौरान विसर्जन के जुलूस में मनमानी करना आयोजकों को महंगा पड़ गया. शहर के कदमघाट पर छठ माता की प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पुलिस ने डीजे बंद करा दिया था. साथ ही दो घंटे के अंदर प्रतिमा का विसर्जन करने का निर्देश दिया था. इसी को लेकर आयोजकों और पुलिस के बीच विवाद हो गया था.
छठ पूजा पर शहर के कदमघाट में पूजा समिति ने छठ मइया की प्रतिमा स्थापित की थी. 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा संपन्न हो गई थी. शाम को पूजा समिति ने घाट पर स्थापित छठ माता की प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए जुलूस निकाला था. इस दौरान एक वाहन में डीजे भी बज रहा था. डीजे की आवाज सुनकर एलवल चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने डीजे को बंद करने का निर्देश पूजा समिति के लोगों को दिया, और दो घंटे के अंदर ही प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए कहा.
इस बात पर पूजा समिति के लोग भड़क गए और हंगामा करने लगे. चौकी प्रभारी की सूचना पर शहर कोतवाली प्रभारी भी मौके पर पहुंचे. घंटो पूजा समिति के लोगों और पुलिस के बीच कहासुनी हुई. इसके बाद पूजा समिति के लोगों ने विसर्जन जुलूस निकालने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं पूजा समिति के लोगों ने कदमघाट पर ही तमसा नदी में छठ माता की प्रतिमा का विसर्जन भी कर दिया.
एसपी ट्रैफिक संजय कुमार ने बताया कि छठ पूजा के दौरान 21 नवंबर को विसर्जन का जुलूस निकाला गया था. जिसमें डीजे बजाने को लेकर आयोजकों और पुलिस के बीच नोक झोंक हुई थीं. इस मामले में 14 नामजद और 80 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
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