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आजमगढ़ में हो रही काले गेहूं की खेती, कैंसर, मोटापा और मधुमेह से बचाएगा यह गेहूं - काला गेहूं

यूपी के आजमगढ़ में तनाव, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियों को दूर रखने वाला और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काले गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है. इस गेहूं से रोटी बहुत मुलायम और स्वादिष्ट बनती है. उत्पादन जरूर 15 प्रतिशत कम होता है पर इसके उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी होती है.

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आजमगढ़ में हो रही काले गेहूं की खेती.
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Published : Mar 5, 2020, 11:54 AM IST

आजमगढ़: जिले में कैंसर, मोटापा और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने के लिए लिए काला सोना नाम के गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है. काला सोना नाम के इस गेहूं में बड़ी मात्रा में एंथोसाइन इन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और गंभीर बीमारियों से मजबूती के साथ लड़ता भी है.

सर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ेगा काला गेहूं

आजमगढ़ में हो रही काले गेहूं की खेती.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. केएम सिंह का कहना है कि, गेहूं की वैरायटी काला सोना नाम से जानी जाती है. इस प्रजाति में एंथोसाइन इन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और यही कारण है कि मधुमेह मोटापा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए रोग रोधक क्षमता भी विकसित करता है.

इसे भी पढ़ें-आजमगढ़: एडीजी ने की समीक्षा बैठक, कहा- अपराधियों को उनकी भाषा में जवाब देगी पुलिस

काला गेहूं से बनती है मुलायम रोटी
वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि, इस गेहूं से रोटी बहुत मुलायम और स्वादिष्ट बनती है. उत्पादन जरूर 15 प्रतिशत कम होता है पर इसके उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी होती है. यदि काला सोना गेहूं का उत्पादन किसान करते हैं तो जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं निश्चित रूप से उसमें या काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर पर ग्राम स्तर पर लगातार गोष्ठियों की जा रही हैं, जिससे इसके बारे में जागरूक किया जा सके.

बताते चलें कि सामान लागत में दोगुनी आमदनी कर किसानों को भी काला गेहूं से बहुत उम्मीदें हैं. इस फसल के उत्पादन से किसानों की लागत में बढ़ोतरी नहीं होगी बल्कि उत्पादन में कमी जरूर आएगी, लेकिन बाजार में यह काला गेहूं दोगुनी कीमत पर बिकेगा और जिससे किसान मालामाल होंगे.

आजमगढ़: जिले में कैंसर, मोटापा और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने के लिए लिए काला सोना नाम के गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है. काला सोना नाम के इस गेहूं में बड़ी मात्रा में एंथोसाइन इन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और गंभीर बीमारियों से मजबूती के साथ लड़ता भी है.

सर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ेगा काला गेहूं

आजमगढ़ में हो रही काले गेहूं की खेती.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. केएम सिंह का कहना है कि, गेहूं की वैरायटी काला सोना नाम से जानी जाती है. इस प्रजाति में एंथोसाइन इन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और यही कारण है कि मधुमेह मोटापा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए रोग रोधक क्षमता भी विकसित करता है.

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काला गेहूं से बनती है मुलायम रोटी
वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि, इस गेहूं से रोटी बहुत मुलायम और स्वादिष्ट बनती है. उत्पादन जरूर 15 प्रतिशत कम होता है पर इसके उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी होती है. यदि काला सोना गेहूं का उत्पादन किसान करते हैं तो जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं निश्चित रूप से उसमें या काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर पर ग्राम स्तर पर लगातार गोष्ठियों की जा रही हैं, जिससे इसके बारे में जागरूक किया जा सके.

बताते चलें कि सामान लागत में दोगुनी आमदनी कर किसानों को भी काला गेहूं से बहुत उम्मीदें हैं. इस फसल के उत्पादन से किसानों की लागत में बढ़ोतरी नहीं होगी बल्कि उत्पादन में कमी जरूर आएगी, लेकिन बाजार में यह काला गेहूं दोगुनी कीमत पर बिकेगा और जिससे किसान मालामाल होंगे.

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