आजमगढ़: जिले के भंवरनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर भक्तों का मेला उमड़ पड़ा है. इस दौरान भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचे हैं . करीब 300 वर्षों से अधिक पुराने इस भोलेनाथ के मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ से अपने मन की मुराद मांगता है, भोलेनाथ उसे जरूर पूरा करते हैं.
भोलेनाथ ने लिया था भंवरे का रूप
भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आई भक्त कृष्णा राय ने बताया कि जब मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला किया था तो भगवान भोलेनाथ ने भंवरे के रूप में प्रकट होकर इस मंदिर की रक्षा की थी. बताया जाता है कि भंवरे का रूप धारण कर शिव जी ने मुगल सैनिकों पर हमला किया था. जब भंवरे सैनिकों को काटने लगे तो मुगल सैनिक वहां से भाग गए, तभी से इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ गई.
भोलेनाथ के दर्शन करने को दूर-दूर से आते हैं भक्त
मंदिर की मान्यता के चलते आजमगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे जनपद और प्रदेशों के बड़ी संख्या में भक्त भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए आते हैं. भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में सुबह 3 बजे से ही भक्तों का मेला उमड़ पड़ा है. मंदिर में दूर-दूर तक भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं जो अपने प्रिय भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आए हैं.
भगवान करते हैं हर मनोकामना पूरी
बता दें कि वैसे तो हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर पर भक्तों का मेला उमड़ता है. वहीं सावन के महीने और महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां पर बड़ी संख्या में भक्त भगवान को बेलपत्र और दूध चढ़ाकर अपनी मनोकामना मानते हैं. साथ ही भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और यही कारण है कि लगातार भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में भक्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
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