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ट्रांसपोर्टर हत्या मामला : माफिया अखंड प्रताप सिंह गैंगस्टर कोर्ट में पेश, जज के सामने की दवा और खाने की मांग

आजमगढ़ में ट्रांसपोर्टर की हत्या के मामले में आज गैंगस्टर कोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच माफिया अखंड प्रताप सिंह (Mafia Akhand Pratap Singh) को पेश किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 5:05 PM IST

Updated : Dec 19, 2023, 7:56 PM IST

माफिया अखंड प्रताप सिंह गैंगस्टर कोर्ट में हुए पेश

आजमगढ़: बरेली जेल में निरुद्ध माफिया अखंड प्रताप सिंह गैंगस्टर के मामले में मंगलवार को गैंगस्टर कोर्ट में पेश हुआ. वर्ष 2005 में हत्या, अपहरण समेत कई मामले को लेकर अखंड प्रताप पर मुकदमे दर्ज हैं. इन्हीं मुकदमों को लेकर पुलिस ने गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी. भारी गहमागहमी के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर अखंड प्रताप सिंह को कोर्ट में पेश किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

शासकीय अधिवक्ता संजय द्विवेदी ने बताया कि अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ तरवां थाने में गैंगेस्टर का एक मामला था. इसमें दो अभियुक्त थे. एक अभियुक्त की आरोप पत्र प्रेषित होने से पहले ही मौत हो गई और दूसरा अभियुक्त अखंड प्रताप सिंह है. उन्होंने बताया कि इस मामले में कुल 24 साक्षी थे. इनमें से पांच को परीक्षित कराया गया. मामले में अखंड प्रताप सिंह को बरेली जेल से तलब किया गया था. इस मामले में अब अगली तारीख 9 जनवरी को होगी. बताया कि अखंड प्रताप सिंह ने कोर्ट में दवा और खाना खिलाने की व्यवस्था की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

बता दें कि 11 मई 2013 को वाराणसी में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले व मेंहनगर क्षेत्र के टोडरपुर ग्राम निवासी धनराज यादव (35) पुत्र सत्यदेव की स्कार्पियो सवार हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अपने बड़े भाई सहित चार लोगों के साथ नरायनपुर गांव स्थित रिश्तेदारी से घर लौट रहे थे. इस मामले में मृतक के भाई बच्चेलाल यादव ने तरवां क्षेत्र के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई. बाद में इसी मामले में अखंड प्रताप सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी. पुलिस के बढ़ते दवाब के कारण अखंड प्रताप सिंह ने 12 दिसंबर 2019 को आजमगढ़ के गैंगस्टर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. उस समय उनके ऊपर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

माफिया अखंड प्रताप सिंह आजमगढ़ जिले के तरवा थाना क्षेत्र के जमुआ गांव का रहने वाला है. इसके खिलाफ 36 से ज़्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी जैसे संगीन मुकदमे दर्ज हैं. अखंड प्रताप सिंह पर लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य शाजिशकर्ता में भी शामिल रहने का आरोप है. गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई को लेकर पुलिस महकमा काफी दिनों से सक्रिय है. वह 2017 के विधानसभा चुनाव में अतरौलिया विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी भी रहा है. अखंड प्रताप सिंह चुनाव में पैरोल पर छूटा था और तभी से फरार चल रहा था. लेकिन, पुलिस के बढ़ते दवाब के कारण 12 दिसंबर 2019 को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. तभी से वह जेल में निरुद्ध है. पहले आजमगढ़ के कारागार में उसे रखा गया था. बाद में बरेली जेल स्थानांतरित कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें: अवैध संबंध के शक में डॉक्टर ने 18 बार चाकू से हमला कर पत्नी को उतारा था मौत के घाट, गिरफ्तारी के डर से बदल रहा था लोकेशन

यह भी पढ़ें: आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के खिलाफ हमले मामले में सुनवाई पूरी, 23 दिसंबर को आएगा फैसला

माफिया अखंड प्रताप सिंह गैंगस्टर कोर्ट में हुए पेश

आजमगढ़: बरेली जेल में निरुद्ध माफिया अखंड प्रताप सिंह गैंगस्टर के मामले में मंगलवार को गैंगस्टर कोर्ट में पेश हुआ. वर्ष 2005 में हत्या, अपहरण समेत कई मामले को लेकर अखंड प्रताप पर मुकदमे दर्ज हैं. इन्हीं मुकदमों को लेकर पुलिस ने गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी. भारी गहमागहमी के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर अखंड प्रताप सिंह को कोर्ट में पेश किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

शासकीय अधिवक्ता संजय द्विवेदी ने बताया कि अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ तरवां थाने में गैंगेस्टर का एक मामला था. इसमें दो अभियुक्त थे. एक अभियुक्त की आरोप पत्र प्रेषित होने से पहले ही मौत हो गई और दूसरा अभियुक्त अखंड प्रताप सिंह है. उन्होंने बताया कि इस मामले में कुल 24 साक्षी थे. इनमें से पांच को परीक्षित कराया गया. मामले में अखंड प्रताप सिंह को बरेली जेल से तलब किया गया था. इस मामले में अब अगली तारीख 9 जनवरी को होगी. बताया कि अखंड प्रताप सिंह ने कोर्ट में दवा और खाना खिलाने की व्यवस्था की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

बता दें कि 11 मई 2013 को वाराणसी में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले व मेंहनगर क्षेत्र के टोडरपुर ग्राम निवासी धनराज यादव (35) पुत्र सत्यदेव की स्कार्पियो सवार हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अपने बड़े भाई सहित चार लोगों के साथ नरायनपुर गांव स्थित रिश्तेदारी से घर लौट रहे थे. इस मामले में मृतक के भाई बच्चेलाल यादव ने तरवां क्षेत्र के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई. बाद में इसी मामले में अखंड प्रताप सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी. पुलिस के बढ़ते दवाब के कारण अखंड प्रताप सिंह ने 12 दिसंबर 2019 को आजमगढ़ के गैंगस्टर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. उस समय उनके ऊपर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

माफिया अखंड प्रताप सिंह आजमगढ़ जिले के तरवा थाना क्षेत्र के जमुआ गांव का रहने वाला है. इसके खिलाफ 36 से ज़्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी जैसे संगीन मुकदमे दर्ज हैं. अखंड प्रताप सिंह पर लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य शाजिशकर्ता में भी शामिल रहने का आरोप है. गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई को लेकर पुलिस महकमा काफी दिनों से सक्रिय है. वह 2017 के विधानसभा चुनाव में अतरौलिया विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी भी रहा है. अखंड प्रताप सिंह चुनाव में पैरोल पर छूटा था और तभी से फरार चल रहा था. लेकिन, पुलिस के बढ़ते दवाब के कारण 12 दिसंबर 2019 को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. तभी से वह जेल में निरुद्ध है. पहले आजमगढ़ के कारागार में उसे रखा गया था. बाद में बरेली जेल स्थानांतरित कर दिया गया था.

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Last Updated : Dec 19, 2023, 7:56 PM IST
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