आजमगढ़ : जिले में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कुल 20 परियोजनाओं के तहत निर्माण कार्य कराए जा रहे थे. इनमें धांधली की शिकायत मिलने पर डीएम ने मामले की जांच कराई. इसमें 53 लाख का गबन पकड़ा गया. इसके बाद 4 अधिशासी अभियंता, 5 अवर अभियंता समेत 11 लोगों पर शासकीय धन के दुरुपयोग का मुकदमा दर्ज कराया गया है. आराेपियाें में 2 अवर अभियंता रिटायर भी हाे चुके हैं.
बता दें कि सीएमओ के द्वारा इस संबंध में पत्र लिखने के बाद डीएम ने पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता और डीआरडीए के सहायक अभियंता के माध्यम से निर्माण कार्यों की जांच कराई. कार्याें में विलंब होने के साथ ही लागत काफी ज्यादा खर्च होने की जानकारी सामने आई. रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएसएस (पैकफेड) द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कुल 20 परियोजनाओं के तहत काम कराया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने बताया कि निर्माणाधीन परियोजनाओं में कई अनियमितताएं मिलीं. निर्माण की गति भी काफी धीमी रही. इसे लेकर कई बार चेतावनी भी दी गई लेकिन कार्यदायी संस्था ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. जांच में सामने आया कि आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग संबंधित कार्यों में नहीं किया गया. प्रथम दृष्टया शासकीय धन का गबन करना पाया गया. जांच के मुताबिक कुल 14 परियोजनाओं में किए गए कार्याें की वास्तविक लागत से 53.16 लाख रुपए का अधिक व्यय हुआ. इसमें संबंधित अधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए.
स्वास्थ्य विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने 11 लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें अधिशासी अभियंता आजमगढ़ मनोज कुमार, अधिशासी अभियंता मऊ जेपीएन सिंह, अधिशासी अभियंता गोरखपुर प्रथम विनय सिंह और अधिशासी अभियंता कानपुर कमिश्नरेट राघवेंद्र द्विवेदी शामिल हैं. अवर अभियंताओं में सेवानिवृत्त योगेंद्र गिरी, वीरेंद्र कुमार यादव आजमगढ़, सेवानिवृत्त अमरजीत वर्मा, विवेक प्रताप सिंह गोरखपुर प्रथम, यादवेंद्र यादव अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी आजमगढ़, राजेंद्र सिंह यादव अवर अभियंता मऊ और अनुबंधित अवर अभियंता विजय यादव शामिल हैं.
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