आजमगढ़ः बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर जिले के फूलपुर में गांधी आश्रम की जमीन कब्जाने का आरोप लगा था. इस मामले पर पुलिस ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव के बेटों और अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत किया था. मामले की छानबीन के बाद पुलिस प्रशासन ने उक्त जमीन को गांधी आश्रम के नाम पर ही दर्ज पाया और जिस भवन पर उमाकांत यादव लिखा था, उसे मिटवाकर गांधी आश्रम लिखवा दिया.
गांधी आश्रम के नाम पर ही दर्ज मिला भवन
पूर्व सांसद उमाकांत यादव के ऊपर गांधी आश्रम की जमीन पर पेंटिंग करवा कर अपना नाम उमाकांत यादव लिखवाने का आरोप लगा था. मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रशासन की टीम ने जब इस मामले की जांच की तो यह बात सत्य पाई गई.
मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव का कहना है कि जिस जमीन पर गांधी आश्रम बना हुआ है, वह 1990 से उनके नाम पट्टा थी और आज तक उनके नाम है. तब से लेकर आज तक खतौनी में मेरा नाम चला रहा है और कब्जा भी चल रहा है.
वहीं जिले के अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व गांधी आश्रम की जमीन पर कब्जा करने का आरोप पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर लगा था. यह जमीन गांधी आश्रम के नाम ही दर्ज थी और घाटे में चल रही थी. पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था और जिस गांधी आश्रम की जमीन पर उमाकांत यादव ने अपना नाम दर्ज करवाया था प्रशासन ने उसे मिटवाकर गांधी आश्रम पुणे दर्ज करा दिया है.
वहीं मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि अगर इस बाबत पूर्व सांसद उमाकांत यादव को कुछ कहना है तो वह जिलाधिकारी से अपनी बात कहें.
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