आजमगढ़: देश में लगभग 3 महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के बाद 1 जून 2020 से जिले में रोडवेज बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है. इस एक माह में आजमगढ़ मंडल को साढ़े 6 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जो कि राजस्व के लिहाज से बड़ा नुकसान है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब एक मंडल में परिवहन विभाग को इतना नुकसान उठाना पड़ रहा है तो पूरे प्रदेश में परिवहन निगम कितने घाटे में चल रहा है.
UPSRTC को लगी बड़ी चपत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आजमगढ़ मंडल के आरएम पीके त्रिपाठी का कहना है कि 1 जून से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भले ही बसें चला दी हों, लेकिन इस समय यात्रियों का अकाल पड़ गया है. पीके त्रिपाठी का कहना है कि यात्रियों की कमी को देखते हुए विभिन्न मार्गों पर चलने वाली गाड़ियों की संख्या भी काफी कम कर दी गई है. प्रत्येक गाड़ियों पर 20 से 25 यात्रियों के बैठने के बाद ही गाड़ियों को चलाया जा रहा है. बावजूद इसके प्रतिदिन 20 से 22 लाख रुपये का घाटा हो रहा है. विभाग को महीने में साढ़े 6 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लग रही है. बावजूद इसके परिवहन निगम इन बसों को यात्रियों की सहूलियत के लिए चला रहा है, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य स्थलों के लिए जाने के लिए कहीं भटकना न पड़े.
प्रवासी श्रमिकों के लिए लगाई गई थीं बसें
देश भर में लगे लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी बसें बंद कर दी थीं. इन रोडवेज बसों को प्रवासी श्रमिकों को ले जाने के लिए लगाया गया था. ऐसे में जब केंद्र सरकार ने 1 जून से अनलॉक-2 की घोषणा की, इसके बाद जिले में यूपी परिवहन निगम की बसों को चलाने की अनुमति दी गई. इस 1 महीने में आजमगढ़ मंडल को साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है.