आजमगढ़: गोरखपुर की रहने वाली महिला रंजना की डिलीवरी दिसंबर महीने में गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी हुई थी. इस दौरान अधिक ब्लीडिंग होने के चलते महिला की हालत बेहद नाजुक हो गई. नाजुक हालत के चलते परिजनों ने उसे आजमगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जिसके बाद महिला की मौत हो गई. इस पर परिजनों ने शनिवार को जमकर हंगामा काटा. परिजनों ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले ही महिला की मौत हो गई थी. लेकिन डाक्टरों ने पैसे ऐंठने के चक्कर में दो दिन बाद मौत की सूचना दी है.
आपको बता दें कि मृतक महिला रंजना गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाने के अंतर्गत तिलहनी गांव की रहने वाली है. दिसंबर महीने में गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में महिला की डिलीवरी हुई थी. अधिक ब्लीडिंग होने के चलते महिला की हालत बिगड़ गई थी. परिजनों ने उसे सरकारी अस्पताल से निकालकर इलाज के लिए कई अस्पतालों पर पहुंचे, लेकिन हालत बेहद नाजुक होने के चलते हर जगह से उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया गया.
इसके बाद 30 दिसंबर को परिजन महिला को लेकर उसके मायके आजमगढ़ के नरौली स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां उसे भर्ती कर लिया गया. इसके बाद डॉक्टरों ने महिला का इलाज शुरु कर दिया. हालत गंभीर होने पर उसे वेटिंलेटर पर भी रख दिया. जिसके बाद शुक्रवार की रात मरीज का हाल पूछने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और सवा लाख रुपये जमा कर शव ले जाने की बात कही. इस बात से भड़के परिजनों ने शनिवार की सुबह पुलिस को सूचना देने के साथ हंगामा करना शुरु कर दिया.
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परिजनों ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले ही मरीज की मौत हो गई थी. इसके बाद भी जिंदा होने की बात कहते हुए उसे वेटिंलेटर पर रखा गया. काफी मात्रा में महंगी दवाइयां भी मंगाई गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पैसे ऐंठने के चक्कर में दो दिन बाद मौत होने की जानकारी दी गई है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता कराया. जिसके बाद परिजन देर शाम शव लेकर घर चले गए. वहीं अस्पताल की महिला डॉक्टर ने बताया कि मरीज का गुर्दा फेल हो गया था. जब कोई डॉक्टर उसे नहीं भर्ती कर रहा था तब उन्होंने भर्ती कर जान बचाने की पूरी कोशिश की. पैसा न देना पड़े इसके लिए परिजनों ने हंगामा किया.
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