आजमगढ़: महाभारत में कौरवों का विनाश करने वाले चक्रधारी वासुदेव ने कहा था कि जब-जब धर्म का विनाश होगा, तब-तब मैं पृथ्वी पर जन्म लूंगा. इसी को तीन दिन पूर्व सीएम की जनसभा में आत्मसात किया आज़मगढ़ के सांसद दिनेश लाल निरहुआ ने, जहां सीएम योगी को श्रीकृष्ण और खुद को अर्जुन समझने वाले निरहुआ के विजय रथ को उनके ही नौकरशाहों ने ब्रेक लगा दिया. जिसके बाद शहर के चुनावी महाभारत में सांसद को किसी और के रथ पर सवार होना पड़ा, जो अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
जब भी चुनाव आता है सभी पार्टियां एक दूसरे पर वार-पलटवार करना शुरू कर देती हैं. तभी तो ताबड़तोड़ रैलियों का आयोजन और जनता जनार्दन को अपनी ओर लाने का प्रयास तेज हो जाता है. इसी सिलसिले में आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ का चुनावी रथ महज कुछ वजहों से थम गया. दूसरों के रथ पर सवार होकर बीजेपी के सांसद निरहुआ ने नगर निकाय के प्रत्याशी के समर्थन में हुंकार भरी और जनता से बीजेपी को वोट देने की अपील की. इसी बीच जब मीडिया टीम ने सांसद साहब के रथ की पड़ताल की, तो पता चला कि इनका रथ और सारथी मुंबई से चले थे.
लेकिन गाड़ी का न ही इन्श्योरेंस था और न ही गाड़ी सही हालत में थी. जिसकी वजह से रथ को प्रचार की अनुमति नहीं मिली. रथ पर ब्रेक लगते ही मौका रहते ही दूसरे रथ पर सवार होकर पार्टी प्रत्याशी के लिए जनता से खूब वोट मांगा और चुनाव में जीत के विश्वास के साथ वापस लौटे. रथ के चालक ने बताया कि वाहन गाजीपुर के पूर्व विधायक सुभाष पासी का है. एश्योरेंस फेल हेने के कारण प्रचार की अनुमति नहीं मिली है. जल्द ही इश्योरेंश कागज आने के बाद रथ फिर से चुनाव प्रचार में दौडेगा.
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