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राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहल, सुंदर चित्रों के माध्यम से राम कथा समझेगी युवा पीढ़ी - Vishwa Hindu Parishad

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ट्रस्ट रामायण परिसर बनाने की तैयारी में जुटा है. इस परिसर में युवा पीढ़ी भगवान राम से संबंधित जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने की लीलाएं चित्रण के माध्यम से जान सके.

राम जन्मभूमि अयोध्या.
राम जन्मभूमि अयोध्या.
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Published : Jul 5, 2022, 10:12 PM IST

अयोध्या: राम की नगरी में सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले आने के बाद प्रभु राम का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर निर्माण की स्थिति को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट हर माह बैठक करता है. ट्रस्ट के मुताबिक जनवरी 2024 तक भगवान राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान होंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे. मंदिर निर्माण के साथ ट्रस्ट रामायण परिसर बनाने की तैयारी में जुटा है. ट्रस्ट का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी भगवान राम से संबंधित जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने की लीलाएं चित्रण के माध्यम से जान सके. सूत्रों की मानें तो इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 500 से 1000 एकड़ जमीन की खोजबीन भी कर रहा है.

राम जन्मभूमि अयोध्या.

रामलला का दर्शन ही नहीं उनके जीवन दर्शन को समझना बेहद जरूरी
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामायण परिसर बनाने उद्देश्य है युवा खासकर बच्चे जो धार्मिक चीजों से अछूत रहते हैं, उनको धर्म के बारे में बताया जाए. भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है. इस परिसर में भगवान राम के जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने तक लीलाएं दिखाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि भगवान राम से संबंधित जो उनके कर्तव्य थे, जो उन्होंने किया था उसकी जानकारी युवा पीढ़ी को देने की योजना श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बना रही है. ऐसी ही योजना राम कथा पार्क केंद्र सरकार ने अयोध्या के माझा में बनाने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन वह अधर में लटक गया. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा जमीन भी ली जा चुकी थी. प्रकाश गुप्ता ने कहा कि भगवान राम के मंदिर बनने के बाद यात्रियों के सुख-सुविधाओं के लिए उसका अध्ययन किया जा रहा है. भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है.

इसे भी पढ़ें-विश्व का आठवां अजूबा होगा अयोध्या का राम मंदिरः राम नाईक


रामायण परिसर के जरिए युवा वर्ग भगवान राम के जीवन चरित्र को समझेगा
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि रामायण परिसर की योजना जो है, 2014 में रामकथा कुंज के नाम से थी. रामलला का जन्म और उनकी लीला, विद्या अर्जन करना, राक्षसों का वध करना, लंका विजय करना और राज्याभिषेक से लेकर गुप्तार घाट में गुप्त होने तक का रामायण का जो प्रसंग है. उसी अनुसार रामायण कालीन इस भूमि को विकसित करने की योजना 2014 में बनी थी. वैसे यह योजना 1991 में जब कल्याण सिंह की सरकार थी, उस समय राम कथा कुंज के नाम पर श्री राम जन्म भूमि न्यास को 67 एकड़ भूमि कल्याण सिंह ने दिया था. उस भूमि पर रामकथा कुंज की योजना बनाई गई थी. आज वर्तमान समय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इस विषय को देख रहा है वह किस प्रकार से विकसित करेगा. यह ट्रस्ट के पदाधिकारी बताएंगे. लेकिन रामकथा कुंज समाज को एक संदेश देने के लिए अगली पीढ़ी को संदेश देने के लिए बहुत बड़ी एक योजना बनाई गई है.

अयोध्या: राम की नगरी में सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले आने के बाद प्रभु राम का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर निर्माण की स्थिति को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट हर माह बैठक करता है. ट्रस्ट के मुताबिक जनवरी 2024 तक भगवान राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान होंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे. मंदिर निर्माण के साथ ट्रस्ट रामायण परिसर बनाने की तैयारी में जुटा है. ट्रस्ट का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी भगवान राम से संबंधित जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने की लीलाएं चित्रण के माध्यम से जान सके. सूत्रों की मानें तो इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 500 से 1000 एकड़ जमीन की खोजबीन भी कर रहा है.

राम जन्मभूमि अयोध्या.

रामलला का दर्शन ही नहीं उनके जीवन दर्शन को समझना बेहद जरूरी
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामायण परिसर बनाने उद्देश्य है युवा खासकर बच्चे जो धार्मिक चीजों से अछूत रहते हैं, उनको धर्म के बारे में बताया जाए. भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है. इस परिसर में भगवान राम के जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने तक लीलाएं दिखाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि भगवान राम से संबंधित जो उनके कर्तव्य थे, जो उन्होंने किया था उसकी जानकारी युवा पीढ़ी को देने की योजना श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बना रही है. ऐसी ही योजना राम कथा पार्क केंद्र सरकार ने अयोध्या के माझा में बनाने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन वह अधर में लटक गया. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा जमीन भी ली जा चुकी थी. प्रकाश गुप्ता ने कहा कि भगवान राम के मंदिर बनने के बाद यात्रियों के सुख-सुविधाओं के लिए उसका अध्ययन किया जा रहा है. भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है.

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रामायण परिसर के जरिए युवा वर्ग भगवान राम के जीवन चरित्र को समझेगा
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि रामायण परिसर की योजना जो है, 2014 में रामकथा कुंज के नाम से थी. रामलला का जन्म और उनकी लीला, विद्या अर्जन करना, राक्षसों का वध करना, लंका विजय करना और राज्याभिषेक से लेकर गुप्तार घाट में गुप्त होने तक का रामायण का जो प्रसंग है. उसी अनुसार रामायण कालीन इस भूमि को विकसित करने की योजना 2014 में बनी थी. वैसे यह योजना 1991 में जब कल्याण सिंह की सरकार थी, उस समय राम कथा कुंज के नाम पर श्री राम जन्म भूमि न्यास को 67 एकड़ भूमि कल्याण सिंह ने दिया था. उस भूमि पर रामकथा कुंज की योजना बनाई गई थी. आज वर्तमान समय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इस विषय को देख रहा है वह किस प्रकार से विकसित करेगा. यह ट्रस्ट के पदाधिकारी बताएंगे. लेकिन रामकथा कुंज समाज को एक संदेश देने के लिए अगली पीढ़ी को संदेश देने के लिए बहुत बड़ी एक योजना बनाई गई है.

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