अयोध्या: 5 जुलाई 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले में नैनी जेल में बंद पांच आरोपियों को मंगलवार को प्रयागराज में स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई. कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास और एक आरोपी को बरी कर दिया. आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं.
5 जुलाई 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले रामचंद्र यादव की पत्नी शांति देवी की मौत हो गई थी. रामचंद्र यादव ने कहा कि आतंकी हमले पर फैसला आज आया है, लेकिन हम इस फैसले से खुश नहीं हैं. यह मामला अदालत का है. मैं अदालत का सम्मान करते हुए मांग करता हूं कि आतंकवादियों को जेल में न रखकर उन्हें फांसी दी जाए.
इसी आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोली लगने से कृष्ण स्वरूप की मौत हो गई थी. कोर्ट के फैसले पर उनके बेटे रवि स्वरूप ने कहा कि हम लोगों ने फांसी की मांग की थी, लेकिन हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है. आतंकवादियों ने न जाने कितने परिवारों की जिंदगी बर्बाद कर दी. इस हमले के बाद से मेरी पढ़ाई रुक गई. आज मेरी जो स्थित है, उसे मैं बयां नहीं कर सकता हूं. हम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं है. आतंकियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. कोर्ट के फैसले को लेकर संतों का भी कहना है कि वह कोर्ट के आदेश का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन कोर्ट ने अपने निर्णय में सजा कम दी है.