अयोध्या: इस पूरे आंदोलन की अगुवाई कर रहे व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्ता नंदू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया है कि उनकी गिरफ्तारी के प्रयास प्रदेश सरकार के इशारे पर स्थानीय पुलिस कर रही है. व्यापारी नेता ने अपने घर के सामने मौजूद पुलिसकर्मियों और पुलिस की जीप की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल की है. इससे कहीं न कहीं साफ जाहिर हो रहा है कि व्यापारियों के इस आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन भी चिंता में पड़ गया है. पुलिस 23 सितंबर की बंदी को लेकर स्थानीय पुलिस व्यापारियों और व्यापारी नेताओं पर नकेल कस रही है. आशंका इस बात की भी है कि देर रात व्यापारियों की गिरफ्तारी की जा सकती है. व्यापारियों ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विजन डॉक्यूमेंट को लेकर अयोध्या में प्रदेश सरकार और व्यापारियों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. 23 सितंबर को अयोध्या में व्यापारी वर्ग ने पूर्ण बंदी का एलान किया है, लेकिन इससे पहले बुधवार देर शाम से स्थानीय पुलिस ने व्यापारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी. इस पूरे आंदोलन की अगुवाई कर रहे व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्ता नंदू ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर आरोप लगाया है कि जो भी व्यापारी इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के प्रयास प्रदेश सरकार के इशारे पर स्थानीय पुलिस कर रही है.
आपको बता दें कि अयोध्या में मुख्य सड़क मार्ग से लेकर राम जन्मभूमि मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण योजना को लेकर व्यापारियों की दुकानों को तोड़े जाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि पूर्व में इस योजना को लेकर व्यापारियों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें पहले दूसरे स्थान पर दुकानें दी जाएंगी. उसके बाद उनसे दुकानें खाली कराई जाएंगी, लेकिन अभी तक इस योजना पर कोई अमल नहीं हुआ है. वहीं बीते सप्ताह समाचार पत्रों में दुकान खाली करने की नोटिस जारी होने के बाद व्यापारी वर्ग घबराया हुआ है.
व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्ता नंदू ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने व्यापारियों के साथ धोखा किया है. हमें आश्वासन दिया गया था कि दुकानों के पीछे हमें दुकानें बनाकर दी जाएंगी. उसके बाद हमारी दुकानें तोड़ी जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जबरिया हमारी दुकान खाली कराई जा रही है. हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.
नंदू ने कहा कि 23 सितंबर को अयोध्या का व्यापारी वर्ग अपनी दुकानें बंद कर अपना विरोध जताएगा. अगर फिर भी हमारी बात नहीं मानी जाएगी, तो अयोध्या में अनिश्चितकालीन व्यापार बंदी होगी. आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके घर के सामने शाम से ही पुलिस तैनात कर दी गई है. व्यापारियों के आंदोलन को जिला प्रशासन दबाना चाहता है.
वहीं इस मुद्दे को लेकर विपक्ष भी बेहद सतर्क हैं. घर और कारोबार जाने के डर से परेशान व्यापारियों का मुद्दा विपक्ष किसी भी हाल में अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती. सपा सरकार में अयोध्या से विधायक और पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने भी व्यापारियों के सुर में सुर मिलाते हुए प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उनका कहा कि अयोध्या में विकास के नाम पर व्यापारियों और गरीब जनता के घर और दुकानों पर योगी सरकार बुलडोजर चलाने पर आमादा है. इसी जनता ने 2014 और 2019 में अपना वोट देकर केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाई थी, लेकिन जिस तरह से कमल कीचड़ में खिलता है, उसी तरह से भाजपा की सरकार व्यापारियों का जीवन कीचड़ की तरह बर्बाद करना चाहती है. समाजवादी पार्टी व्यापारियों के साथ खड़ी है.
आपको बता दें कि अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण योजना में बड़े पैमाने पर दुकान है और मकान आ रहे हैं. हजारों व्यापारी इस योजना से बेरोजगार होने की कगार पर हैं, लेकिन अभी तक इन व्यापारियों को दूसरे स्थान पर व्यापार करने की व्यवस्था नहीं की गई है. व्यापारियों का आरोप है कि मुआवजे के नाम पर इनके साथ मजाक किया गया है. मुआवजा देने के लिए कैंप लगाया गया और 5000 से लेकर अधिकतम 1 लाख तक मुआवजा व्यापारियों को दिया जा रहा है, जो कि बेहद कम है.
आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर 23 सितंबर को अयोध्या में बंदी का एलान व्यापारी वर्ग ने किया है, जिसके बाद स्थानीय पुलिस व्यापारियों पर नजर बनाए हुए हैं. कई व्यापारी नेताओं के घरों के आस-पास पुलिस भी तैनात की गई है. आशंका जताई जा रही है कि देर रात इन सभी की गिरफ्तारी हो सकती है.
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