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श्रीराम चलित मानस केंद्र से श्रीराम के चरित्र को समझने के साथ एडवेंचर का भी लुत्फ उठाएंगे पर्यटक

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 7:12 PM IST

अयोध्या में श्रीराम चलित मानस केंद्र (Ayodhya Shri Ram Chalit Manas Kendra) का निर्माण कराया जा रहा है. इससे लोगों को कई तरह के फायदे मिल सकेंगे.

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अयोध्या : रामनगरी को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की तैयारी है. श्रद्धालुओं/पर्यटकों को ठहरने के साथ ही खान-पान आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. अयोध्या के गुप्तारघाट के समीप सरयू नदी के निकट 75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से प्राइवेट संस्था के माध्यम से श्रीराम चलित मानस अनुभव केन्द्र बनाया जाएगा. इसके माध्यम से भक्त भगवान राम के चरित्र को जान सकेंगे. इसके अलावा अयोध्या एवं उत्तर प्रदेश की संस्कृति एवं परंपरा का अनुभव भी कर सकेंगे. इस योजना को शुरू करने के लिए जिला शासन के अधिकारियों ने कार्य योजना तैयार कर ली है. यहां टेंट सिटी में पर्यटक एडवेंचर का भी आनंद ले सकेंगे.

श्रीराम चलित मानस केंद्र के निर्माण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
श्रीराम चलित मानस केंद्र के निर्माण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से केंद्र का निर्माण कराया जाएगा.
अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से केंद्र का निर्माण कराया जाएगा.

टेंट सिटी के माध्यम से पर्यटकों को मिलेगी जानकारी : मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि अनुभव केंद्र के तहत 125 टेंट्स की टेंट सिटी के साथ ही राम दरबार, धार्मिक हाट, टॉयलेट ब्लाक, लैंडस्केप जोन, ओपन सिटिंग, सीता रसोई (किचन),श्री राम जल समाधि स्थल, लोक नृत्य स्टेज,म्यूजिक स्टेज, रामलीला इंटरटेनमेंट जोन, सिटिंग प्लाजा, अमरेला सेंड सिटिंग, फायर्स शो स्टेज, अनुभव केंद्र, कलाग्राम, श्री राम जाप पथ, ध्यान गुफा, योगा क्षेत्र, गेस्ट रूम, ओपेन एयर थिएटर, हीलिंग गार्डन, बाजार हाट, फूड कोर्ट ,बहु उद्देश्यसीय हाल, घुड़ सवारी/इंडोर स्पोर्ट एरिया सहित अन्य सुविधाएं होंगी.वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा भी विकसित की जाएगी.

75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में केंद्र का निर्माण होगा.
75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में केंद्र का निर्माण होगा.

वाल्मीकि रामायण के आधार पर सात कांडों पर आधारित होंगे कॉटेज : मण्डलायुक्त ने बताया कि समस्त काटेजों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ अयोध्या की कल्चरल थीम पर विकसित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. समस्त कार्यों को माह दिसम्बर 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. काटेजों का निर्माण वाल्मीकि रामायण से संबंधित सभी सातों कांडों पर आधारित होगा, जिन पर इसी से सम्बंधित मधुबनी पेंटिंग की जाएगी. सभी 24 काटेजों पर श्रीराम के अवतारों का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : रामनगरी को मिली एक और सौगात, बिना जाम फंसे श्रद्धालु पहुंचेंगे सरयू आरती घाट

समतामूलक समाज की अवधारणा का प्रतीक है अयोध्या का राम मंदिर, आसपास दलित समुदाय के मंदिर स्थापित



अयोध्या : रामनगरी को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की तैयारी है. श्रद्धालुओं/पर्यटकों को ठहरने के साथ ही खान-पान आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. अयोध्या के गुप्तारघाट के समीप सरयू नदी के निकट 75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से प्राइवेट संस्था के माध्यम से श्रीराम चलित मानस अनुभव केन्द्र बनाया जाएगा. इसके माध्यम से भक्त भगवान राम के चरित्र को जान सकेंगे. इसके अलावा अयोध्या एवं उत्तर प्रदेश की संस्कृति एवं परंपरा का अनुभव भी कर सकेंगे. इस योजना को शुरू करने के लिए जिला शासन के अधिकारियों ने कार्य योजना तैयार कर ली है. यहां टेंट सिटी में पर्यटक एडवेंचर का भी आनंद ले सकेंगे.

श्रीराम चलित मानस केंद्र के निर्माण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
श्रीराम चलित मानस केंद्र के निर्माण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से केंद्र का निर्माण कराया जाएगा.
अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से केंद्र का निर्माण कराया जाएगा.

टेंट सिटी के माध्यम से पर्यटकों को मिलेगी जानकारी : मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि अनुभव केंद्र के तहत 125 टेंट्स की टेंट सिटी के साथ ही राम दरबार, धार्मिक हाट, टॉयलेट ब्लाक, लैंडस्केप जोन, ओपन सिटिंग, सीता रसोई (किचन),श्री राम जल समाधि स्थल, लोक नृत्य स्टेज,म्यूजिक स्टेज, रामलीला इंटरटेनमेंट जोन, सिटिंग प्लाजा, अमरेला सेंड सिटिंग, फायर्स शो स्टेज, अनुभव केंद्र, कलाग्राम, श्री राम जाप पथ, ध्यान गुफा, योगा क्षेत्र, गेस्ट रूम, ओपेन एयर थिएटर, हीलिंग गार्डन, बाजार हाट, फूड कोर्ट ,बहु उद्देश्यसीय हाल, घुड़ सवारी/इंडोर स्पोर्ट एरिया सहित अन्य सुविधाएं होंगी.वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा भी विकसित की जाएगी.

75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में केंद्र का निर्माण होगा.
75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में केंद्र का निर्माण होगा.

वाल्मीकि रामायण के आधार पर सात कांडों पर आधारित होंगे कॉटेज : मण्डलायुक्त ने बताया कि समस्त काटेजों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ अयोध्या की कल्चरल थीम पर विकसित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. समस्त कार्यों को माह दिसम्बर 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. काटेजों का निर्माण वाल्मीकि रामायण से संबंधित सभी सातों कांडों पर आधारित होगा, जिन पर इसी से सम्बंधित मधुबनी पेंटिंग की जाएगी. सभी 24 काटेजों पर श्रीराम के अवतारों का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा.

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