अयोध्या: जिले में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक में मंदिर भूमि पूजन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं किया जा सका है. वहीं ट्रस्ट ने संतों की मांग को ध्यान में रखते हुए, श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मॉडल में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. शिलान्यास की तिथि की घोषणा पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद की जाएगी.
मंदिर में तीन की जगह होंगे पांच गुंबद
सर्किट हाउस में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की करीब 3 घंटे चली बैठक में अंतिम रूप से अभी भी मंदिर निर्माण को लेकर सहमति नहीं बन सकी है. राम मंदिर समर्थकों ने इस बैठक को लेकर बड़ी उम्मीदें लगा रखी थीं. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने भी स्पष्ट किया था, कि इस बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. अंतिम रूप से प्रधानमंत्री के अयोध्या आगमन और राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर निर्णय ले लिया जाएगा.
बैठक में दो तिथियों को लेकर बनी सहमति
अयोध्या के सर्किट हाउस में बैठक के दौरान ट्रस्टियों के बीच दो तिथियों को लेकर निर्णय लिया गया है. 3 और 5 अगस्त में से किसी एक तिथि को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. वहीं बैठक के बाद ट्रस्टियों ने रामलला के दर्शन भी किए. अयोध्या के सर्किट हाउस में बैठक के बाद ट्रस्टी सीधे राम जन्मभूमि परिसर के लिए रवाना हो गए. यहां उन्होंने रामलला के दर्शन किए और मंदिर निर्माण को लेकर हो रही तैयारियों का जायजा भी लिया.
मंदिर के मॉडल में परिवर्तन का निर्णय
ट्रस्ट ने इस बैठक में श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मंदिर मॉडल में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें कि संतों की मांग रही है, कि अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर का निर्माण किया जाए. पूरे 70 एकड़ में मंदिर का निर्माण किया जाए. हालांकि ट्रस्ट में श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मॉडल में अधिक परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन गुंबदों की संख्या पहले से बढ़ाई गई है. मंदिर निर्माण को लेकर जहां पहले तीन गुंबदों के निर्माण की बात कही गई थी, वहीं अब पांच गुंबद बनाए जाने की बात कही गई है. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि संतों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है.