अयोध्या: मंगलवार शाम अयोध्या के सर्किट हाउस परिसर (Circuit House Complex of Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के पदाधिकारियों की मौजूदगी में श्रीराम मंदिर निर्माण समिति (Shri Ram Mandir Construction Committee) के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर निर्माण प्रगति का जायजा लिया. बैठक में राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्रीराम के मंदिर के साथ-साथ सामाजिक समरसता का ध्यान रखते हुए अन्य मंदिर बनाने पर भी बैठक में विचार हुआ.
राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर के साथ-साथ महर्षि वल्मीकि, माता शबरी, निषादराज, पक्षीराज जटायु, माता जानकी और गणपति बप्पा के भी मंदिर बनाए जाएंगे. यही नहीं, बाल रूप में रामलला की एक अलग से मूर्ति बनाई जाएगी. कोशिश की जा रही है कि पत्थर सफेद हो या काला हो या फिर मुक्तिनाथ का एक शालिग्राम बनाया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इन बातों पर भी बैठक में विचार किया गया. सभी लोगों ने सैद्धांतिक रूप से इसकी सहमति भी दे दी है.
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दिसंबर 2023 तक रामलला को मंदिर में विराजमान करने की पूरी तैयारी : ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दिसंबर 2023 में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे. भक्तगण नए मंदिर में अपने आराध्य रामलला का दर्शन पूजन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में राम मंदिर के टाइम प्लान पर चर्चा हुई है जिस पर सहमति हुई है कि दिसंबर 2023 में ही गर्भगृह का निर्माण हो जाएगा.
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के रिटेनिंग वॉल और परकोटा पर भी विचार हुआ है. उसपर भी काम चल रहा है. आज राम मंदिर निर्माण समिति की दूसरे और आखिरी दिन की बैठक थी जिसमें निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य व कार्यदाई संस्था टाटा कंसल्टेंसी और एलएनटी के इंजीनियर भी मौजूद रहे.
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