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अयोध्या में रामजी को सेक्युलर सिद्ध करने का चल रहा प्रयास: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

यूपी के अयोध्या में पुरी के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि रामनगरी में रामजी को सेक्युलर सिद्ध करने का प्रयास चल रहा है.

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
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Published : Mar 31, 2021, 8:58 PM IST

अयोध्या: रामनगरी में रामजी को सेक्युलर सिद्ध करने का प्रयास चल रहा है. यहां यथास्थान मंदिर बन रहा है यह तो प्रसन्नता की बात है, पर इस स्थान को सेवा, संस्कृति, रक्षा और शिक्षा और मोक्ष का स्थान बना पाना किसी भी राजनीतिक दल के वश की बात नहीं है. यह बात पुरी के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही. वे अयोध्या के जानकी महल ट्रस्ट में अपने चार दिवसीय अयोध्या प्रवास के पहले दिन पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सोमनाथ का मंदिर सरदार पटेल के चलते यथा स्थान प्रतिष्ठित हो सका, पर उसकी रक्षा, संस्कृति, सेवा आदि का कार्य नहीं हो सका.

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दिया बयान.
'पीएम मोदी व सीएम योगी को सोचना चाहिए'
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह के समय में अयोध्या में मंदिर-मस्जिद निर्माण के सहमति पत्र पर सभी सबने हस्ताक्षर किए थे, सिवा मेरे. मेरी असहमति के कारण मंदिर-मस्जिद एक साथ नहीं बना सके. इसे पीएम मोदी और सीएम योगी को सोचना चाहिए. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि विखंडित भारत का एक चौथाई हिस्सा धार्मिक प्रशासन की दृष्टि से पुरी पीठ के तहत आता है. फिर भी राममंदिर मामले में पुरी पीठ की राय नहीं ली जा रही है.इतना ही नहीं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि अयोध्या में मंदिर के साथ मस्जिद के लिए भूमि दिए जाने पर नाखुशी जताई. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि दिया जाना ठीक नहीं है.

अयोध्या: रामनगरी में रामजी को सेक्युलर सिद्ध करने का प्रयास चल रहा है. यहां यथास्थान मंदिर बन रहा है यह तो प्रसन्नता की बात है, पर इस स्थान को सेवा, संस्कृति, रक्षा और शिक्षा और मोक्ष का स्थान बना पाना किसी भी राजनीतिक दल के वश की बात नहीं है. यह बात पुरी के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही. वे अयोध्या के जानकी महल ट्रस्ट में अपने चार दिवसीय अयोध्या प्रवास के पहले दिन पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सोमनाथ का मंदिर सरदार पटेल के चलते यथा स्थान प्रतिष्ठित हो सका, पर उसकी रक्षा, संस्कृति, सेवा आदि का कार्य नहीं हो सका.

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दिया बयान.
'पीएम मोदी व सीएम योगी को सोचना चाहिए'
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह के समय में अयोध्या में मंदिर-मस्जिद निर्माण के सहमति पत्र पर सभी सबने हस्ताक्षर किए थे, सिवा मेरे. मेरी असहमति के कारण मंदिर-मस्जिद एक साथ नहीं बना सके. इसे पीएम मोदी और सीएम योगी को सोचना चाहिए. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि विखंडित भारत का एक चौथाई हिस्सा धार्मिक प्रशासन की दृष्टि से पुरी पीठ के तहत आता है. फिर भी राममंदिर मामले में पुरी पीठ की राय नहीं ली जा रही है.इतना ही नहीं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि अयोध्या में मंदिर के साथ मस्जिद के लिए भूमि दिए जाने पर नाखुशी जताई. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि दिया जाना ठीक नहीं है.
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