ETV Bharat / state

चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट से पहले इतिहास बनाकर जाना चाहिए-आचार्य सत्येंद्र दास

यूपी के अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता का विकल्प दिया गया था. जिसमें कुछ पक्षों ने मध्यस्थता पर सहमति नहीं जताई है. जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई करने को फैसला किया है.

आचार्य सत्येंद्र दास
author img

By

Published : Aug 3, 2019, 9:26 AM IST

अयोध्या: राम जन्म भूमि मामले में मध्यस्थता से कोई नतीजा नहीं निकल सका. दोनों पक्षों में सहमति न बनने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया है. इस मामला पर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर न्याय दिया.

बातचीत में उन्होंने कहा कि मध्यस्थता फेल होने के पीछे सबसे बड़ा मुख्य कारण बाहरी लोगों का मध्यस्थता पैनल में होना रहा. अयोध्या के संतों को उसमें शामिल नहीं किया गया. अब सुप्रीम कोर्ट ने अच्छा काम किया है जो रोज सुनवाई की जाएगी. हमारी सीजेआई से मांग है कि वह अपने रिटायरमेंट से पहले एक ऐतिहासिक फैसला लेकर इतिहास बनाएं.

मध्यस्थता पैनल हुआ फेल, 6 अगस्त से रोज होगी सुनवाई

  • अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता से कोई नतीजा नहीं निकल सका.
  • कुछ पक्षों ने मध्यस्थता पर सहमति नहीं जताई है.
  • 6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी.
  • शुक्रवार को पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला किया है.

क्या कहा श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने..

अयोध्या मामले पर बोलते हुए आचार्य सत्येंद्र दास जी ने कहा कि, पिछले 26 सालों से रामलला टेंट में विराजमान है. अब वक्त है उन्हें एक भव्य मंदिर देने का, जिससे भगवान को उनका आवास मिल सके. जन्मभूमि हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होती है. हमें राम जन्मभूमि मामले पर विवादों से बचते हुए सीधे उनका मंदिर चाहिए. उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट से हैं. क्योंकि सरकार ने पहले ही कह दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद विचार करेगी कि उसे क्या करना है.


अयोध्या: राम जन्म भूमि मामले में मध्यस्थता से कोई नतीजा नहीं निकल सका. दोनों पक्षों में सहमति न बनने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया है. इस मामला पर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर न्याय दिया.

बातचीत में उन्होंने कहा कि मध्यस्थता फेल होने के पीछे सबसे बड़ा मुख्य कारण बाहरी लोगों का मध्यस्थता पैनल में होना रहा. अयोध्या के संतों को उसमें शामिल नहीं किया गया. अब सुप्रीम कोर्ट ने अच्छा काम किया है जो रोज सुनवाई की जाएगी. हमारी सीजेआई से मांग है कि वह अपने रिटायरमेंट से पहले एक ऐतिहासिक फैसला लेकर इतिहास बनाएं.

मध्यस्थता पैनल हुआ फेल, 6 अगस्त से रोज होगी सुनवाई

  • अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता से कोई नतीजा नहीं निकल सका.
  • कुछ पक्षों ने मध्यस्थता पर सहमति नहीं जताई है.
  • 6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी.
  • शुक्रवार को पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला किया है.

क्या कहा श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने..

अयोध्या मामले पर बोलते हुए आचार्य सत्येंद्र दास जी ने कहा कि, पिछले 26 सालों से रामलला टेंट में विराजमान है. अब वक्त है उन्हें एक भव्य मंदिर देने का, जिससे भगवान को उनका आवास मिल सके. जन्मभूमि हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होती है. हमें राम जन्मभूमि मामले पर विवादों से बचते हुए सीधे उनका मंदिर चाहिए. उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट से हैं. क्योंकि सरकार ने पहले ही कह दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद विचार करेगी कि उसे क्या करना है.


Intro:अयोध्या। राम जन्म भूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यस्थता को लेकर दरकिनार करते हुए 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया। अयोध्या से श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि मध्यस्थता फेल होने के पीछे सबसे बड़ा मुख्य कारण बाहरी लोगों का मध्यस्था पैनल में होना और अयोध्या के संतों को उसमें शामिल ना करना रहा। अब सुप्रीम कोर्ट ने अच्छा काम किया है जो डेली सुनवाई करेंगे हमारी सीजेआई से मांग है कि वह अपने रिटायरमेंट से पहले एक ऐतिहासिक फैसला लेकर इतिहास बनाये।


Body:अयोध्या। अयोध्या मामले पर बोलते हुए आचार्य सत्येंद्र दास जी ने कहा कि, पिछले 26 सालों से रामलला टेंट में विराजमान है अब वक्त है उन्हें एक भव्य मंदिर देने का जिससे भगवान को उनका आवास मिल सके।
जन्मभूमि हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होती है और बहुत महत्व रखती है हमें राम जन्मभूमि मामले पर विवादों से बचते हुए सीधे उनका मंदिर चाहिए। उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट से हैं क्योंकि सरकार ने पहले ही कह दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद विचार करेगी कि उसे क्या करना है।


Conclusion:8808540402
दिनेश मिश्रा,
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.