अयोध्या : बहुजन समाजवादी पार्टी से जुड़े छात्रनेता की पिटाई वर्चस्व और रंजिश के चलते हुई थी. महाविद्यालय से जुड़े इस विवाद में दोनों पक्षों का वीडियो वायरल होने के बाद सरगर्मी बढ़ गई है. दोनों पक्षों की शिकायत पर अयोध्या कोतवाली पुलिस ने अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया है.
दोनों वायरल वीडियो क्लिप की पड़ताल शुरू
सोशल मीडिया पर बसपा से जुड़े छात्रनेता अजय आजाद की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में नागा साधु छात्रनेता अजय आजाद की पिटाई करते हुए दिख रहे है. पुलिस ने दोनों वायरल वीडियो क्लिप की पड़ताल शुरू कर दी है.
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हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत
दोनों वीडियो क्लिप चर्चा में आई तो मामला अयोध्या कोतवाली पुलिस तक पहुंचा. छात्रनेता अजय आजाद की ओर से अयोध्या कोतवाली में हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने के लिए तहरीर दी गई. इसके बाद पीड़ित छात्र की ओर से भी पुलिस को मुकदमा पंजीकृत करने के लिए तहरीर दी गई है.
साधुओं ने बदला लेने के लिए की छात्रनेता की पिटाई
प्रारंभिक छानबीन में पता चला कि बसपा से जुड़े छात्रनेता अजय आजाद के समर्थक छात्र नेता इमरान हाशमी ने कुछ दिन पूर्व एक युवक रक्षा राम मौर्य की अपने साथियों के साथ पिटाई की थी. पीड़ित युवक ने मामले की जानकारी अपने परिचित नागा साधुओं को दी तो नागा साधुओं ने बदला लेने के लिए छात्रनेता अजय आजाद की पिटाई की.
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अयोध्या कोतवाली पुलिस में दोनों पक्षों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया
गुरुवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि प्रकरण में अयोध्या कोतवाली पुलिस में दोनों पक्षों की शिकायत पर एक दूसरे के खिलाफ बलवा, मारपीट, गाली-गलौज, धमकी तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है.
युवक के साथ पिटाई और अपमानित करने का मामला पुराना
उन्होंने बताया कि युवक के साथ पिटाई और अपमानित करने का मामला कई दिन पुराना है जबकि नागा साधुओं की ओर से छात्र नेता की पिटाई का वीडियो दो-तीन दिन पहले का है. अयोध्या कोतवाली पुलिस वीडियो क्लिप की सत्यता परखने में जुटी है.
मेल नहीं खा रहीं दोनों फुटेज
वायरल वीडियो में जो तारीख दी गई है, उसके आधार पर साकेत महाविद्यालय के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. लेकिन अभी दोनों मेल नहीं खा रही हैं. डीआईजी/ एसएसपी ने बताया कि प्रकरण में सच्चाई तक पहुंचने के लिए सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है.
तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से वायरल वीडियो क्लिप की हकीकत को ही नहीं परखा जा रहा बल्कि क्लिप के माध्यम से लोगों की शिनाख्त भी कराई जा रही है.