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राम जन्मभूमि परिसर में मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, डेढ़ कुंतल पंजीरी का लगेगा भोग

राम जन्मभूमि परिसर में रामलला को भगवान कृष्ण मानकर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को डेढ़ कुंतल पंजीरी का भोग लगेगा.

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रामलला की तस्वीर
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Published : Aug 18, 2022, 8:43 PM IST

अयोध्या: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा. अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. इस मौके पर भगवान राम को कृष्ण का स्वरूप मानकर उनका पंचामृत से अभिषेक कराया जाएगा और पंजीरी का प्रसाद अर्पित किया जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानकारी देते रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. प्रतिदिन की तरह शुक्रवार को भी संध्या काल में आरती करने के बाद साईं काल 6:30 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए रात्रि 11:30 बजे मंदिर के पट फिर से खोला जाएगा. भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. रात्रि के ठीक 12:00 बजे भगवान रामलला को कृष्ण का स्वरूप मानकर पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और उन्हें नए वस्त्र अर्पित किए जाएंगे. उनकी आरती की जाएगी. जिसके बाद प्रसाद वितरण होगा. रात्रि 12:30 पर मंदिर पुनः बंद हो जाएगा और रामलला विश्राम करेंगे. अगली सुबह जब मंदिर खुलेगा उस समय आने वाले दर्शनार्थियों श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हाथरस के बने झूलों में झूलेंगे गोपाल जी

आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर डेढ़ कुंतल पंजीरी का प्रसाद बनाया जा रहा है. इसके अलावा 40 लीटर पंचामृत से उनका अभिषेक किया जाएगा. पंचामृत के लिए दूध, दही, घी, शहद और चीनी का प्रयोग किया जाएगा. जबकि पंजीरी प्रसाद के लिए रामदाना लइया, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और सूखी धनिया के पिसे हुए पाउडर से पंजीरी का प्रसाद बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त भगवान को 15 किलो पेड़ा और 40 किलो फल भी अर्पित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: 19 की मध्यरात्रि में होगा पालनहार श्री कृष्ण का जन्म, दो अद्भुत योग में व्रत और पूजन देगा हर मनोवांछित फल

अयोध्या: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा. अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. इस मौके पर भगवान राम को कृष्ण का स्वरूप मानकर उनका पंचामृत से अभिषेक कराया जाएगा और पंजीरी का प्रसाद अर्पित किया जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानकारी देते रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. प्रतिदिन की तरह शुक्रवार को भी संध्या काल में आरती करने के बाद साईं काल 6:30 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए रात्रि 11:30 बजे मंदिर के पट फिर से खोला जाएगा. भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. रात्रि के ठीक 12:00 बजे भगवान रामलला को कृष्ण का स्वरूप मानकर पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और उन्हें नए वस्त्र अर्पित किए जाएंगे. उनकी आरती की जाएगी. जिसके बाद प्रसाद वितरण होगा. रात्रि 12:30 पर मंदिर पुनः बंद हो जाएगा और रामलला विश्राम करेंगे. अगली सुबह जब मंदिर खुलेगा उस समय आने वाले दर्शनार्थियों श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा.

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आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर डेढ़ कुंतल पंजीरी का प्रसाद बनाया जा रहा है. इसके अलावा 40 लीटर पंचामृत से उनका अभिषेक किया जाएगा. पंचामृत के लिए दूध, दही, घी, शहद और चीनी का प्रयोग किया जाएगा. जबकि पंजीरी प्रसाद के लिए रामदाना लइया, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और सूखी धनिया के पिसे हुए पाउडर से पंजीरी का प्रसाद बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त भगवान को 15 किलो पेड़ा और 40 किलो फल भी अर्पित किया जाएगा.

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