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अयोध्या: सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के लिए चुनौती बनी कार्तिक मेला की भीड़

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Published : Nov 7, 2019, 10:30 AM IST

Updated : Nov 7, 2019, 3:02 PM IST

कार्तिक मेला को लेकर अयोध्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. वहीं इसी महीने कभी भी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ सकता है. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अयोध्या प्रशासन काफी सतर्क है. पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था.

अयोध्या: 12 नवंबर तक चलने वाले कार्तिक मेला को लेकर अयोध्या प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले से पहले पड़ने वाला कार्तिक मेला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. कार्तिक मेला को ध्यान में रखते हुए पूरे अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 5 जोन और 6 सेक्टर में बांटा गया है. शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं.

कार्तिक मेला से पहले बढ़ाई गई अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था.


राम मंदिर मामले में उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले से पहले अयोध्या में कार्तिक मेला को लेकर श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ सुरक्षा तंत्र के लिए कड़ी परीक्षा है. ऐसे में प्रशासन पूरी तरह उलर्ट है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 6 सेक्टर और 5 जोन में बांटकर सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है. इन सभी सेक्टरों के सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में पैनी नजर बनाए हुए हैं. बाहर से प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की सघन तलाशी ली जा रही है.

अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात
शहर में चप्पे-चप्पे पर होमगार्ड, पीएसी, सिविल पुलिस, एटीएसस और कमांडो समेत रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से शहर के 3 जोन प्रमुख हैं. रामलला विराजमान का क्षेत्र रेड जोन में आता है. दूसरा येलो जोन है, जिसमें अधिकतर धर्मशालाएं और सभी मंदिर हैं. वहीं तीसरा ब्लू जोन है, जिसमें अयोध्या शहर के बाहर के क्षेत्र आते हैं. वहीं जिले से सटे अन्य सभी जिलों पर भी सुरक्षा बलों की कड़ी नजर है.

आतंकी घटना की संभावना से इंकार नहीं
आईजी रेंज डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि अयोध्या हमेशा से अलर्ट पर रही है. अयोध्या में आतंकी घटनाओं की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. कार्तिक मेला के दौरान हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है इस बार राम मंदिर के संभावित फैसले को लेकर प्रशासन की ओर से सभी समाज के लोगों से सौहार्द बनाने की अपील की जा रही है. मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.

16 स्थानों पर ATS और 22 पर RAF के कमांडो तैनात
शहर में 22 स्थान ऐसे हैं, जहां पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान सक्रिय हैं. वहीं 16 स्थानों पर एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं. मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस बल के जवान मार्च कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के संभावित निर्णय के आने से पहले लोगों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की जा रही है. ऐसे में अयोध्या में बड़ी संख्या में पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है.

अयोध्या: 12 नवंबर तक चलने वाले कार्तिक मेला को लेकर अयोध्या प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले से पहले पड़ने वाला कार्तिक मेला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. कार्तिक मेला को ध्यान में रखते हुए पूरे अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 5 जोन और 6 सेक्टर में बांटा गया है. शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं.

कार्तिक मेला से पहले बढ़ाई गई अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था.


राम मंदिर मामले में उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले से पहले अयोध्या में कार्तिक मेला को लेकर श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ सुरक्षा तंत्र के लिए कड़ी परीक्षा है. ऐसे में प्रशासन पूरी तरह उलर्ट है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 6 सेक्टर और 5 जोन में बांटकर सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है. इन सभी सेक्टरों के सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में पैनी नजर बनाए हुए हैं. बाहर से प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की सघन तलाशी ली जा रही है.

अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात
शहर में चप्पे-चप्पे पर होमगार्ड, पीएसी, सिविल पुलिस, एटीएसस और कमांडो समेत रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से शहर के 3 जोन प्रमुख हैं. रामलला विराजमान का क्षेत्र रेड जोन में आता है. दूसरा येलो जोन है, जिसमें अधिकतर धर्मशालाएं और सभी मंदिर हैं. वहीं तीसरा ब्लू जोन है, जिसमें अयोध्या शहर के बाहर के क्षेत्र आते हैं. वहीं जिले से सटे अन्य सभी जिलों पर भी सुरक्षा बलों की कड़ी नजर है.

आतंकी घटना की संभावना से इंकार नहीं
आईजी रेंज डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि अयोध्या हमेशा से अलर्ट पर रही है. अयोध्या में आतंकी घटनाओं की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. कार्तिक मेला के दौरान हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है इस बार राम मंदिर के संभावित फैसले को लेकर प्रशासन की ओर से सभी समाज के लोगों से सौहार्द बनाने की अपील की जा रही है. मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.

16 स्थानों पर ATS और 22 पर RAF के कमांडो तैनात
शहर में 22 स्थान ऐसे हैं, जहां पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान सक्रिय हैं. वहीं 16 स्थानों पर एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं. मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस बल के जवान मार्च कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के संभावित निर्णय के आने से पहले लोगों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की जा रही है. ऐसे में अयोध्या में बड़ी संख्या में पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है.

Intro:अयोध्या: राम नगरी में 12 नवंबर तक चलने वाला कार्तिक मेला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है यहां सुरक्षा बल के जवान 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 5 जोन और 6 सेक्टर में बांटा गया है. शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं.


Body:राम मंदिर मामले में उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले की घड़ी में अयोध्या में श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ सुरक्षा तंत्र के लिए कड़ी परीक्षा है. ऐसे में प्रशासन पूरी तरह उलट है. आईबी की टीम सक्रिय है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को 6 सेक्टर और पांच जोन में बांटकर सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए हैं. 5 जोन और 6 सेक्टर में बड़ा-बड़ा है संपूर्ण मेला क्षेत्र कार्तिक मेला के दौरान अयोध्या शहर में बढ़ते यात्रियों के दबाव बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने संपूर्ण मेला क्षेत्र को 5 जून और 6 सेक्टरों में बांटा है. इन सभी सेक्टरों के सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में पैनी नजर बनाए हुए हैं. बाहर से प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की सघन तलाशी ली जा रही है. अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात शहर में चप्पे-चप्पे पर होमगार्ड, पीएसी, सिविल पुलिस, एटीएस कमांडो समेत रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से शहर के 3 जोन प्रमुख हैं. रामलला विराजमान का क्षेत्र रेड जोन में आता है. दूसरा यलो जॉन जिसमें अधिकतर धर्मशालाएं और सभी प्रमुख मंदिर हैं. वहीं तीसरा ब्लू जोन है. ब्लू जोन में अयोध्या मुख्य शहर के बाहर के क्षेत्र आते हैं. वहीं जिले से सटे अन्य सभी जिलों पर भी सुरक्षा बलों की कड़ी नजर है. आतंकी घटना की संभावना से इंकार नहीं: आईजी रेंज आईजी रेंज डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि अयोध्या हमेशा से अलर्ट पड़ रही है. अयोध्या में आतंकी घटनाओं की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. कार्तिक मेला के दौरान हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है इस बार राम मंदिर के संभावित फैसले को लेकर प्रशासन की ओर से सभी समाज के लोगों से स्वार्थ बनाने की अपील की जा रही है. मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.


Conclusion:16 स्थानों पर ATS और 22 पर RAF के कमांडो तैनात अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले को लेकर प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कड़ी प्रबंध किए हैं. शहर में 22 स्थान ऐसे ऐसे हैं जहां पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान सक्रिय हैं. वहीं 16 स्थानों पर एटीएस के कमांडो तैनात हैं. फिलहाल अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर प्रशासन अलर्ट पर है. शहर ही नहीं जिले की सभी ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस बल के जवान सक्रिय हैं. मिश्रित आबादी के क्षेत्रों में विशेषकर पुलिस बल के जवान मार्च कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के संभावित निर्णय के आने से पहले लोगों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की जा रही है. ऐसे में अयोध्या में बड़ी संख्या में पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है. उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से आए पुलिस बल के जवानों को तैनाती तो दी गई है लेकिन उनके रुकने की व्यवस्था उचित नहीं है हालत में कैमरे पर बोलने के लिए राजी नहीं है लेकिन ऑफ कैमरा वह बताते हैं कि उन्हें 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है ना तो खाने की व्यवस्था मिल रही है और ना ही रहने की उचित व्यवस्था है. ड्यूटी के दौरान ही उन्हें खाने पीने के लिए कुछ समय दिया जाता है. जिसके बाद उन्हें फिर से ड्यूटी पर तैनात होना पड़ता है. बाइट- डॉ. संजीव गुप्ता, आईजी रेंज, अयोध्या
Last Updated : Nov 7, 2019, 3:02 PM IST
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