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गणपति स्थापना करने वाली मुस्लिम महिला के खिलाफ फतवा जारी होने पर संतों ने जताई नाराजगी

अलीगढ़ में मुस्लिम महिला द्वारा गणपति जी की स्थापना करने के मामले में अयोध्या के संतों ने कहा कि महिला के खिलाफ फतवा जारी करने वाले मौलवी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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मुस्लिम महिला के समर्थन में आए संत,
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Published : Sep 3, 2022, 9:26 PM IST

अयोध्या: अलीगढ़ में भाजपा महिला मोर्चा की नेता द्वारा भगवान गणपति की घर में स्थापना कर उनकी पूजा करने को लेकर उठे विवाद पर अयोध्या के संतों ने भी अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि हिंदुस्तान संविधान से चलता है किसी मुल्ला मौलवी के फतवे से नहीं. इस देश में सभी को इस बात रखने की आजादी है कि वह किस की पूजा अर्चना करें और किस धर्म को माने. संतो ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि ऐसे मौलाना को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो इस तरह के मामलों में बेवजह फतवा जारी कर महिलाओं के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस मुस्लिम महिला के अंदर धार्मिक भावना है. उसको पता है हिंदू धर्म सर्वश्रेष्ठ है. हिंदू धर्म में जो देवी देवताओं की पूजा की जाती है उससे सभी कष्ट दूर होते हैं. शांति मिलती है. कहा की कई मुस्लिम लोग कहते हैं कि हिंदू हमारे पूर्वज हैं. उस महिला ने भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित किया तो उसके लिए फतवा जारी करना बहुत गलत है. वास्तविकता यह है यदि वह हिंदू देवी देवताओं की पूजा करती है उसकी आस्था है तो उसका सम्मान करना चाहिए. अगर उस महिला ने भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित किया तो उसके लिए फतवा जारी करना बहुत गलत है. फतवा वापस लेना चाहिए. इस प्रकार से उसको दंडित ना किया जाए.

जानकारी देते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास

यह भी पढ़ें- अयोध्या में 7.9 करोड़ की लागत से 15 सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा लता मंगेशकर स्मृति चौक

जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि एक ही धर्म है सनातन धर्म बाकी मजहब और पंथ है. सभी सनातन धर्मावलंबी ही है. भारत में फतवा नहीं संविधान चलता है. यहां जितना पुरुषों को अधिकार है. उतना ही महिलाओं को भी अधिकार है. भारत में कोई भी अपनी आजादी से अपनी पूजा पद्धति अपना सकता है. यदि किसी तरीके की कोई भी मुस्लिम महिला गणपति का पूजन अर्चन कर रही है तो वह उसकी स्वेच्छा है. जगतगुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि उसकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए और यदि कोई फतवा जारी करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जानी चाहिए. जगतगुरु ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. पहले हलाला के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. उसके बाद इस्लाम मजहब का नियम बताया जाता है यह गलत है.

यह भी पढ़ें- युवाओं के लिए अच्छी खबर, आठ सितंबर को बड़े स्तर पर लगेगा रोजगार मेला

बता दें कि, अलीगढ़ में भाजपा की महिला मोर्चा के नेता रूबी ने भगवान गणपति की पूजा की तो उनकी बप्पा के प्रति श्रद्धा को देखकर मौलाना मुफ्ती खफा हो गए हैं. इतना ही नहीं गणपति की पूजा करने वाली महिला के खिलाफ मुस्लिम मौलानाओं ने फतवा तक जारी कर दिया है.

अयोध्या: अलीगढ़ में भाजपा महिला मोर्चा की नेता द्वारा भगवान गणपति की घर में स्थापना कर उनकी पूजा करने को लेकर उठे विवाद पर अयोध्या के संतों ने भी अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि हिंदुस्तान संविधान से चलता है किसी मुल्ला मौलवी के फतवे से नहीं. इस देश में सभी को इस बात रखने की आजादी है कि वह किस की पूजा अर्चना करें और किस धर्म को माने. संतो ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि ऐसे मौलाना को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो इस तरह के मामलों में बेवजह फतवा जारी कर महिलाओं के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस मुस्लिम महिला के अंदर धार्मिक भावना है. उसको पता है हिंदू धर्म सर्वश्रेष्ठ है. हिंदू धर्म में जो देवी देवताओं की पूजा की जाती है उससे सभी कष्ट दूर होते हैं. शांति मिलती है. कहा की कई मुस्लिम लोग कहते हैं कि हिंदू हमारे पूर्वज हैं. उस महिला ने भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित किया तो उसके लिए फतवा जारी करना बहुत गलत है. वास्तविकता यह है यदि वह हिंदू देवी देवताओं की पूजा करती है उसकी आस्था है तो उसका सम्मान करना चाहिए. अगर उस महिला ने भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित किया तो उसके लिए फतवा जारी करना बहुत गलत है. फतवा वापस लेना चाहिए. इस प्रकार से उसको दंडित ना किया जाए.

जानकारी देते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास

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जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि एक ही धर्म है सनातन धर्म बाकी मजहब और पंथ है. सभी सनातन धर्मावलंबी ही है. भारत में फतवा नहीं संविधान चलता है. यहां जितना पुरुषों को अधिकार है. उतना ही महिलाओं को भी अधिकार है. भारत में कोई भी अपनी आजादी से अपनी पूजा पद्धति अपना सकता है. यदि किसी तरीके की कोई भी मुस्लिम महिला गणपति का पूजन अर्चन कर रही है तो वह उसकी स्वेच्छा है. जगतगुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि उसकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए और यदि कोई फतवा जारी करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जानी चाहिए. जगतगुरु ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. पहले हलाला के नाम पर महिलाओं का शोषण होता है. उसके बाद इस्लाम मजहब का नियम बताया जाता है यह गलत है.

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बता दें कि, अलीगढ़ में भाजपा की महिला मोर्चा के नेता रूबी ने भगवान गणपति की पूजा की तो उनकी बप्पा के प्रति श्रद्धा को देखकर मौलाना मुफ्ती खफा हो गए हैं. इतना ही नहीं गणपति की पूजा करने वाली महिला के खिलाफ मुस्लिम मौलानाओं ने फतवा तक जारी कर दिया है.

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