अयोध्याः उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के साथ पूरे उत्तर भारत में इस वक्त शीतलहर काफी तेजी से घरों के अंदर भी दस्तक दे चुकी है. मौसम विभाग की माने तो कानपुर और कन्नौज में बीती रात तापमान शून्य तक पहुंच गया था. वहीं लखनऊ में यह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या भी इस ठंड के कहर से अछूती नहीं है. यहां का न्यूनतम तापमान पिछले छह दिनों से 1 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है.
जिला प्रशासन और अयोध्या नगर निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है. पिछले 15 दिनों से लगातार अखबारों में कंबल बांटने की तस्वीरें छपाई जा रही हैं, लेकिन लोगों तक मदद नहीं पहुंच रही है. ऐसे में ईटीवी भारत ने मौजूदा हालात का रियलिटी चेक किया, रात करीब 12:00 बजे के आसपास रियलिटी चेक करने के बाद मालूम हुआ कि, जो दावे कागजों में किए जा रहे हैं, अधिकारी अखबारों में छपने के लिए जो कंबल बांट रहे हैं और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, तस्वीरें इन सब से बिल्कुल अलग हैं.
राम नाम के साथ गुजर रही है रात
रात 11 बजे के बाद यहां कागजों में दिखाई गई स्थिति से बिल्कुल उलट तस्वीर देखने को मिलती है. ठंड से कांपते श्रद्धालु, संत समाज पूरी रात राम नाम जपते हुए नजर आए. कागजों में जो कंबल बंटने का दावा किया गया था. वह ठंड से कांपते बदन पर कम ही देखने को मिला. इससे यही लगता है कि सरकार पूरी तरह से आंखें बंद करके अधिकारियों के भरोसे जनता को छोड़ चुकी है.
नगर निगम के अलाव जलवाने का सच
नगर निगम के दावों की हकीकत को जानने के लिए राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी तक के अलाव और रैन बसेरा स्थल की पड़ताल की गई. यहां नगर निगम के दावों की पोल खुलती नजर आई. जिले में 24 घंटे पर्यटकों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है. ऐसे में भीषण ठंड और शीतलहर से बचने के लिए सबसे उपयुक्त अलाव को माना जाता है, लेकिन अयोध्या नगरी में अलाव की व्यवस्था न काफी दिखी. यहां लोग खुद से खरीदी लकड़ी का अलाव जलाकर अपनी और पर्यटकों की ठंड को दूर कर रहे हैं.
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खुला आसमान ही है बेसहारा लोगों की छत
बेसहारा लोग आज भी ठंड से भरी रात में खुले आसमान में सोने को मजबूर हो रहे हैं. जिलाधिकारी और नगर आयुक्त ठंड में कंबल बांटने की फोटो खिंचवा रहे हैं पर मजबूर लोगों तक कंबल भी नहीं पहुंच रहा है. स्थानीय दुकानदार अनिल यादव की मानें तो उन्होंने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से क्षेत्र में लकड़ी जलवाने की बात कही, लेकिन कागजी आंकड़े दिखाकर मलाई खाने वाले अधिकारी चिन्हित स्थानों का जिक्र करके बात को टाल देते हैं. प्रशासन का कहना है कि 400 स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं. इन स्थानों पर 50 किलो तक की लकड़ी दी जा रही है. साथ ही प्रशासन हर रोज 100 से ज्यादा लोगों को कंबल बांटने का दम भर रहे हैं. रियालटी चेक में न अलाव जलते दिखे औरन ही लोगों के बदन पर सरकारी कंबल.
अपर आयुक्त नगर निगम सचिदानंद शुक्ल ने कहा कि, हर रोज 400 स्थानों पर अलाव जलाए जाते हैं. हर एक स्थान पर 50 किलो लकड़ी दी जाती है. जरूरत पड़ने पर दिन में भी अलाव जलाया जाता है. सैकड़ों लोगों को कंबल दे रहे हैं. 2 स्थाई और 3 अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है.