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अयोध्याः प्रशासन के दावों की खुली पोल, शमशान से लकड़ी लाकर जलाने को मजबूर लोग

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Published : Jan 2, 2020, 5:01 AM IST

पूरे उत्तर भारत में शीत लहर का कहर चरम पर है. कहीं-कहीं तो तापमान शून्य तक पहुंच गया है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन ठंड से बचने के लिए लोगों को कंबल बांटने और अलाव जलवाने की व्यवस्था करती है. ईटीवी भारत ने अयोध्या में प्रशासन की तरफ से कंबल बांटने और अलाव जलवाने का रियालटी चेक किया.

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ठंड से सिकुड़ते लोग.

अयोध्याः उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के साथ पूरे उत्तर भारत में इस वक्त शीतलहर काफी तेजी से घरों के अंदर भी दस्तक दे चुकी है. मौसम विभाग की माने तो कानपुर और कन्नौज में बीती रात तापमान शून्य तक पहुंच गया था. वहीं लखनऊ में यह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या भी इस ठंड के कहर से अछूती नहीं है. यहां का न्यूनतम तापमान पिछले छह दिनों से 1 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है.

प्रशासन के दावों की खुली पोल.

जिला प्रशासन और अयोध्या नगर निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है. पिछले 15 दिनों से लगातार अखबारों में कंबल बांटने की तस्वीरें छपाई जा रही हैं, लेकिन लोगों तक मदद नहीं पहुंच रही है. ऐसे में ईटीवी भारत ने मौजूदा हालात का रियलिटी चेक किया, रात करीब 12:00 बजे के आसपास रियलिटी चेक करने के बाद मालूम हुआ कि, जो दावे कागजों में किए जा रहे हैं, अधिकारी अखबारों में छपने के लिए जो कंबल बांट रहे हैं और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, तस्वीरें इन सब से बिल्कुल अलग हैं.

राम नाम के साथ गुजर रही है रात
रात 11 बजे के बाद यहां कागजों में दिखाई गई स्थिति से बिल्कुल उलट तस्वीर देखने को मिलती है. ठंड से कांपते श्रद्धालु, संत समाज पूरी रात राम नाम जपते हुए नजर आए. कागजों में जो कंबल बंटने का दावा किया गया था. वह ठंड से कांपते बदन पर कम ही देखने को मिला. इससे यही लगता है कि सरकार पूरी तरह से आंखें बंद करके अधिकारियों के भरोसे जनता को छोड़ चुकी है.

नगर निगम के अलाव जलवाने का सच
नगर निगम के दावों की हकीकत को जानने के लिए राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी तक के अलाव और रैन बसेरा स्थल की पड़ताल की गई. यहां नगर निगम के दावों की पोल खुलती नजर आई. जिले में 24 घंटे पर्यटकों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है. ऐसे में भीषण ठंड और शीतलहर से बचने के लिए सबसे उपयुक्त अलाव को माना जाता है, लेकिन अयोध्या नगरी में अलाव की व्यवस्था न काफी दिखी. यहां लोग खुद से खरीदी लकड़ी का अलाव जलाकर अपनी और पर्यटकों की ठंड को दूर कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जाते-जाते अयोध्या विवाद सुलझा गया साल 2019

खुला आसमान ही है बेसहारा लोगों की छत
बेसहारा लोग आज भी ठंड से भरी रात में खुले आसमान में सोने को मजबूर हो रहे हैं. जिलाधिकारी और नगर आयुक्त ठंड में कंबल बांटने की फोटो खिंचवा रहे हैं पर मजबूर लोगों तक कंबल भी नहीं पहुंच रहा है. स्थानीय दुकानदार अनिल यादव की मानें तो उन्होंने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से क्षेत्र में लकड़ी जलवाने की बात कही, लेकिन कागजी आंकड़े दिखाकर मलाई खाने वाले अधिकारी चिन्हित स्थानों का जिक्र करके बात को टाल देते हैं. प्रशासन का कहना है कि 400 स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं. इन स्थानों पर 50 किलो तक की लकड़ी दी जा रही है. साथ ही प्रशासन हर रोज 100 से ज्यादा लोगों को कंबल बांटने का दम भर रहे हैं. रियालटी चेक में न अलाव जलते दिखे औरन ही लोगों के बदन पर सरकारी कंबल.

अपर आयुक्त नगर निगम सचिदानंद शुक्ल ने कहा कि, हर रोज 400 स्थानों पर अलाव जलाए जाते हैं. हर एक स्थान पर 50 किलो लकड़ी दी जाती है. जरूरत पड़ने पर दिन में भी अलाव जलाया जाता है. सैकड़ों लोगों को कंबल दे रहे हैं. 2 स्थाई और 3 अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है.

अयोध्याः उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के साथ पूरे उत्तर भारत में इस वक्त शीतलहर काफी तेजी से घरों के अंदर भी दस्तक दे चुकी है. मौसम विभाग की माने तो कानपुर और कन्नौज में बीती रात तापमान शून्य तक पहुंच गया था. वहीं लखनऊ में यह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या भी इस ठंड के कहर से अछूती नहीं है. यहां का न्यूनतम तापमान पिछले छह दिनों से 1 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है.

प्रशासन के दावों की खुली पोल.

जिला प्रशासन और अयोध्या नगर निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है. पिछले 15 दिनों से लगातार अखबारों में कंबल बांटने की तस्वीरें छपाई जा रही हैं, लेकिन लोगों तक मदद नहीं पहुंच रही है. ऐसे में ईटीवी भारत ने मौजूदा हालात का रियलिटी चेक किया, रात करीब 12:00 बजे के आसपास रियलिटी चेक करने के बाद मालूम हुआ कि, जो दावे कागजों में किए जा रहे हैं, अधिकारी अखबारों में छपने के लिए जो कंबल बांट रहे हैं और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, तस्वीरें इन सब से बिल्कुल अलग हैं.

राम नाम के साथ गुजर रही है रात
रात 11 बजे के बाद यहां कागजों में दिखाई गई स्थिति से बिल्कुल उलट तस्वीर देखने को मिलती है. ठंड से कांपते श्रद्धालु, संत समाज पूरी रात राम नाम जपते हुए नजर आए. कागजों में जो कंबल बंटने का दावा किया गया था. वह ठंड से कांपते बदन पर कम ही देखने को मिला. इससे यही लगता है कि सरकार पूरी तरह से आंखें बंद करके अधिकारियों के भरोसे जनता को छोड़ चुकी है.

नगर निगम के अलाव जलवाने का सच
नगर निगम के दावों की हकीकत को जानने के लिए राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी तक के अलाव और रैन बसेरा स्थल की पड़ताल की गई. यहां नगर निगम के दावों की पोल खुलती नजर आई. जिले में 24 घंटे पर्यटकों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है. ऐसे में भीषण ठंड और शीतलहर से बचने के लिए सबसे उपयुक्त अलाव को माना जाता है, लेकिन अयोध्या नगरी में अलाव की व्यवस्था न काफी दिखी. यहां लोग खुद से खरीदी लकड़ी का अलाव जलाकर अपनी और पर्यटकों की ठंड को दूर कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: जाते-जाते अयोध्या विवाद सुलझा गया साल 2019

खुला आसमान ही है बेसहारा लोगों की छत
बेसहारा लोग आज भी ठंड से भरी रात में खुले आसमान में सोने को मजबूर हो रहे हैं. जिलाधिकारी और नगर आयुक्त ठंड में कंबल बांटने की फोटो खिंचवा रहे हैं पर मजबूर लोगों तक कंबल भी नहीं पहुंच रहा है. स्थानीय दुकानदार अनिल यादव की मानें तो उन्होंने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से क्षेत्र में लकड़ी जलवाने की बात कही, लेकिन कागजी आंकड़े दिखाकर मलाई खाने वाले अधिकारी चिन्हित स्थानों का जिक्र करके बात को टाल देते हैं. प्रशासन का कहना है कि 400 स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं. इन स्थानों पर 50 किलो तक की लकड़ी दी जा रही है. साथ ही प्रशासन हर रोज 100 से ज्यादा लोगों को कंबल बांटने का दम भर रहे हैं. रियालटी चेक में न अलाव जलते दिखे औरन ही लोगों के बदन पर सरकारी कंबल.

अपर आयुक्त नगर निगम सचिदानंद शुक्ल ने कहा कि, हर रोज 400 स्थानों पर अलाव जलाए जाते हैं. हर एक स्थान पर 50 किलो लकड़ी दी जाती है. जरूरत पड़ने पर दिन में भी अलाव जलाया जाता है. सैकड़ों लोगों को कंबल दे रहे हैं. 2 स्थाई और 3 अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है.

Intro:अयोध्या. उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के साथ पूरे उत्तर भारत में इस वक्त शीतलहर काफी तेजी से घरों के अंदर भी दस्तक दे चुकी है। मौसम विभाग की माने तो कानपुर और कन्नौज में बीती रात तापमान शून्य तक पहुंच गया था , वहीं लखनऊ में यह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस के नीचे नीचे रहा।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या भी इस ठंड के कहर से अछूती नहीं रही है, यहां का तापमान पिछले पांच-छह दिनों से न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है, वही ठंडी हवाओं से इंसान तो दूर जानवर भी बचने के लिए चार दिवारी का सहारा और अलाव ढूंढ रहे। जिला प्रशासन और अयोध्या नगर निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है पिछले 15 दिनों से लगातार अखबारों में कंबल बांटने की तस्वीरें छपाई जा रही हैं लेकिन लोगों तक मदद नहीं पहुंच रही है । ऐसे में ईटीवी भारत ने मौजूदा हालात का रियलिटी चेक किया, रात करीब 12:00 बजे के आसपास रियलिटी चेक करने के बाद मालूम हुआ कि, जो दावे कागजों में किए जा रहे हैं, अधिकारी अखबारों में छपने के लिए जो कंबल बांट रहे हैं और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। तस्वीर इन सब से बिल्कुल अलग है ।
यह अयोध्या में रात 11 बजे के बाद स्थिति बिल्कुल उलट है , योगी सरकार अयोध्या को टूरिस्ट हब बनाना चाहती है। ठंड के मौसम में बचाव के लिए आए हुए श्रद्धालुओं को व्यवस्थित ढंग से रुकने का प्रबंध भी करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सिर्फ अखबारी कचरा साबित हो रहे हैं। यहां आए हुए श्रद्धालु या संत समाज के साधु और बाबा लोग सब के सब ठंड में सिकुड़ रहे हैं, कई श्रद्धालु और साधु तो ऐसे देखे जैसे गर्मी के मौसम में एक चद्दर ओढ़कर के सोते हैं। बेचारे पूरी रात राम नाम जपते हुए ऐसे ही गुजार देते हैं , उनकी जिंदगी राम भरोसे ही है क्योंकि सरकार पूरी तरह से आंखें बंद करके अधिकारियों के भरोसे जनता को छोड़ चुकी है।
ऑफिस में गर्म ब्लोअर लगाकर फाइलों में साइन करना, बयान जारी करना और उसके बाद घर पहुंचकर गुनगुने पानी में स्नान यहां के अधिकारियों की कार्यशैली है। जो कभी भी रात 11:00 या 12:00 बजे के बाद यह देखने तक नहीं निकलते हैं, कि जो हमने सुबह कागज पर साइन किए हैं जिनका बजट हमने सुबह जारी करवा करके व्यवस्था में लगाया था, उसका इस्तेमाल किस तरीके से और कहां हो रहा है।

शीत लहर से बचने के लिए नगर निगम के अलाव व रैन बसेरा के दावों पर अब अयोध्या की जनता सवाल खड़े करने लगी है।
नगर निगम के दावों की हकीकत को जानने के लिए राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी तक के अलाव व रेन बसेर स्थल की पड़ताल की जहां नगरनिगम अयोध्या के दावों की पोल खुलती नजर आई। अयोध्या में 24 घंटे पर्यटकों को आने जाने का सिलसिला बना रहता है। ऐसे में भीषण ठंड और शीतलहर से बचने के लिए सबसे उपयुक्त अलाव को माना जाता है। लेकिन अयोध्या नगरी में अलाव की व्यवस्था न काफी दिख रही है। अयोध्या में नगर निगम पर्यटकों के साथ जानलेवा खिलवाड़ कर रहा है। अयोध्या के लोग खुद से खरीदी लकड़ी का अलाव जला कर अपनी व पर्यटकों की ठंड को दूर कर रहे है।बेसहारा लोग आज भी ठंड से भरी रात में खुले आसमान में सोने को मजबूर हो रहे है। जिलाधिकारी व नगर आयुक्त ठंड में कंबल बाट रहे है फ़ोटो खिंचवा रहे है लेकिन मजबूर लोगो तक कंबल भी नही पहुच रहा है। स्थानीय दुकानदार अनिल यादव की मानें तो उसने कई बार नगर निगम अधिकारियों कर्मचारियों से उसके क्षेत्र में लकड़ी डालने की बात कही लेकिन, कागज़ी आंकड़े दिखाकर मलाई खाने वाले अधिकारियों ने कागज़ में चिन्हित स्थानों का ज़िक्र करके टाल दिया। उसने हमारी टीम की बताया कि, वो कभी कभी शमशान घाट से लकड़ी लाकर जलाते हैं।
हमारा प्रश्न है अगर ये गंभीर तस्वीर अयोध्या की हैं तो दोपहर की धूप में कंबल बांटकर किन्हें बाटा गया? फोटो खींचने वाले वो अधिकारी कौन थे? कागज़ पर 400 स्थानों पर अलाव जलाने की बात कही जा रही, एक स्थान पर 50 किलो लकड़ी दे रहे हैं। कंबल लाभार्थी की संख्या हर रोज़ 100 से ज्यादा पार हो रही, तो राम नाम जपकर मरने को मजबूर ये लोग कौन हैं।


Body:अयोध्या में न्यूनतम 2 डिग्री तक तापमान गिर चुका है शीत लहरी से जन जीवन बेहद प्रभावित है ऐसे में ठंड से बचने का सबसे अच्छा उपाय अलाव माना जाता है। अलाव और रेन बसेरा की व्यवस्था नगर निगम अयोध्या के पास है। नगरनिगम का दावा है कि शीतलहर से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में अलाव व रेन बसेरा की व्यवस्था की गई है। अयोध्या की जनता इस दावे को नकार रही है।पहली तस्वीर राम की पैड़ी की है। सरयू तट के किनारे राम की पैड़ी में पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है यही नहीं सरयू तट के कुछ दूरी पर अंत्येष्टि स्थल भी है। जहां अयोध्या के बाहर से भी लोग आते हैं यहां पर भी नगर निगम की तरफ से अलाव की व्यवस्था की जाती रही है लेकिन यहां पर नगर निगम के अलाव की व्यवस्था नहीं दिखी आलम यह है कि स्थानीय लोगों ने अपने रुपयों से लकड़ी का इंतजाम करके पर्यटकों को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था की है । 

पहली तस्वीर श्री राम हॉस्पिटल चौराहा जहां मैहर के सरकारी आवास के ठीक सामने बने हुए रैन बसेरे की है उस रेन बसेरे में अंदर सभी रजाई गद्दा ओढ़कर सोते हुए मिले लेकिन ठीक रेन बसेरे के सामने एक साधु चद्दर ओढ़कर मात्र राम नाम जपता हुआ दिखाई पड़ा।
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दूसरी तस्वीर तुलसी उद्यान की है यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहां पर तुलसीदास जी का एक स्मारक है जहां पर पर्यटक काफी संख्या में आते हैं इस स्थान पर अलाव के साथ-साथ रेन बसेरे की भी जरूरत है लेकिन आंख बंद किए हुए नगर निगम को यहां ठंड से ठिठुरते लोग दिख नहीं रहे हैं यहां भी स्थानीय लोगों ने अपने रुपयों को खर्च करके लकड़ी खरीद कर अलाव की व्यवस्था की है जिससे वह खुद ठंड से बच सकें और जो आने वाले लोग हैं वह भी ठंड से बच सकें।

तीसरी तस्वीर श्री राम अस्पताल के बाहर की है जहां भारी संख्या में मरीज और उनके परिजन रहते हैं लेकिन नगर निगम की संवेदनहीनता देखिए यहां पर भी अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है यहां भी स्थानीय दुकानदारों ने अपने रुपयों को खर्च कर अलाव की व्यवस्था की है जिस से मरीज ओर उनके परिजनों को ठंड से बचत हो सके ।

सरकारी अधिकारी प्रदेश सरकार के कार्यों पर किस तरह बट्टा लगा रहे हैं। यह तस्वीर है सड़क किनारे सोने को मजबूर रामकिशोर यादव की जो खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है।
जिलाधिकारी या अन्य कोई भी यहां आने से भी कतराते हैं ,या यूं कहें कि दौरे पूर्व नियोजित होते हैं, जिसमे कुछ भी देखा नहीं जा सकता।


Byte-ओमकार चौधरी-स्थानीय दुकानदार

Byte-नागेंद्र दुबे-पर्यटक

Byte-अनिल यादव-स्थानीय दुकानदार
Conclusion:
Byte-सचिदानंद शुक्ल-अपर आयुक्त नगर निगम अयोध्या ने कहा कि, हर रोज़ 400 स्थानों पर अलाव जलाए जाते हैं, हर एक स्थान पर 50किलो लकड़ी देते हैं, जरूरत पड़ने पर दिन में भी अलाव दिया जाता है। सैकड़ो लोगों को कंबल दे रहे हैं, 2स्थाई और 3 अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है।
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