अयोध्या: रामलीला के मंचन की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस प्रस्तुति को व्यवसाय कम धार्मिकता से जोड़कर अधिक देखा जाता है. भगवान राम से जुड़े चरित्र की सजीव प्रस्तुति रामलीला का उद्देश्य है. इसके चलते रामलीला के कलाकारों का जीवन अन्य थियेटर कलाकारों से अलग होता है. 'रामलीला द ट्रेडिशनल थिएटर' डॉक्यूमेंट्री फिल्म कलाकारों के पर्दे के पीछे के जीवन को दर्शाती है. 'रामलीला द ट्रेडिशनल थिएटर' डॉक्यूमेंट्री अयोध्या में दिखाई गई.
रामलीला के कलाकारों को दर्शाती है यह डॉक्यूमेंट्री
रामलीला मंचन से जुड़े कलाकार अपने प्रोफेशन को महत्व देते हैं. वर्षों से रामलीला में भाग लेने वाले लोग दूसरा व्यवसाय करते हैं, जब आवश्यकता होती है तो संबंधित थिएटर के प्रबंधक उन्हें बुलाते हैं. 'रामलीला द ट्रेडिशनल थिएटर' डॉक्यूमेंट्री कलाकारों के जीवन को प्रस्तुत करना चाहती है, जो अच्छी प्रस्तुति देते हैं, लेकिन वॉइस को व्यवसायी के रूप में नहीं देखते. इस डॉक्यूमेंट्री में कलाकारों के विचार, मंचन, मेकअप और उनकी परेशानियों को दिखाया गया है.
यह डॉक्यूमेंट्री यह भी दर्शाती है कि किस तरह से रामलीला के मंचन में प्रयोग होने वाले पौराणिक परिधान सुरक्षित रखे जाते हैं. साल भर रखने के बाद इनको निकाला जाता है और व्यवस्थित करके फिर कलाकारों को उपलब्ध कराया जाता है.
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डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक ने दी जानकारी
'रामलीला द ट्रेडिशनल थिएटर' डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक ने बताया कि उन्होंने उत्तर भारत के साथ इंडोनेशिया, फिलिपींस समेत कई देशों में होने वाली रामलीला का अध्ययन किया है. इसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को प्रस्तुत किया गया है. इस फिल्म में वर्षों से चली आ रही रामलीला के मंचन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रमुखता से प्रस्तुत की गई हैं. साथ ही रामलीला मंचन के कलाकारों का जीवन चित्रण किया गया है.