अयोध्या: कोरोना काल में विश्व हिंदू परिषद की ओर से किए गए सामाजिक और राहत कार्यों की कारसेवकपुरम में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत अन्य कई पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष कुमार ने कहा कि पूज्य देवरहा बाबा की उपस्थिति में स्वीकार किए गए श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल पर ही रामलला के मंदिर का निर्माण होगा.
प्रांतीय बैठक का किया गया आयोजन
विश्व हिंदू परिषद के अयोध्या स्थित कार्यालय कारसेवकपुरम में संगठन की प्रांतीय बैठक आयोजित की गई. सुबह 11 बजे से शाम 5:30 बजे तक चली बैठक में कोरोना काल में संगठन की ओर से किए गए राहत और सामाजिक कार्यों की समीक्षा की गई. इसके साथ ही संगठन के भविष्य में होने वाली कार्य योजना पर भी चर्चा हुई. बैठक में कानपुर, काशी, अवध और गोरक्ष प्रान्त के 4 से 5 पदाधिकारियों के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय भी शामिल हुए.
कोरोना काल में विहिप ने की लोगों की मदद
विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी के दौरान विश्व हिंदू परिषद की ओर से कई सामाजिक और राहत कार्यों को किया गया. इसमें संगठन के लोगों ने अपना अमूल्य योगदान दिया. वैश्विक महामारी के दौरान संगठनात्मक कार्यों को संचालित करना एक चुनौती है. बैठक में इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई.
राम मंदिर पर ट्रस्ट के फैसले का विहिप करेगा स्वागत
राम मंदिर विषय को लेकर विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि अब वह इस विषय पर चर्चा करने के लिए अधिकृत नहीं है. यह विषय श्रीराम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट और पूज्य संतों का है. राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट की ओर से जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसका विहिप समर्थन करेगा. विश्व हिंदू परिषद की ओर से राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन अब समाप्त हो चुका है. जब भी किसी सामाजिक कार्य को लेकर ट्रस्ट आमंत्रित करेगा तो संगठन की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा.
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1989 के मॉडल पर बने राम मंदिर
विहिप क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष कुमार ने कहा कि वर्ष 1989 के कुंभ में श्रीराम जन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल को पूज्य देवरहा बाबा की उपस्थिति में स्वीकृति मिली थी. इस मॉडल की लंबे समय से पूजा की जा रही है. इसके प्रति लोगों की गहरी आस्था है. ऐसे में न्यास के प्रस्तावित मॉडल पर ही श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए.