अयोध्या: 9 नवंबर 2019, 134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी थी. इसके बाद से ही अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने का काम शुरू हो गया. कोर्ट के आदेश के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना भी कर दी. मंदिर निर्माण की चहल-पहल शुरू हुई, मगर इस बीच देश में कोरोना ने दस्तक दे दी. संतों की मांग पर रामलला के विग्रह को टिन शेड से निकालकर फाइबर के बने अस्थायी मंदिर में विराजित किया. अयोध्या में रामलला 25 मार्च की सुबह अस्थायी मंदिर में शिफ्ट हो गए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला की पूजा-अर्चना की.
अयोध्या के चर्चित श्रीराम मंदिर में रामलला का अद्भुत स्वरूप.
अयोध्या मंदिर में रामलला का विग्रह स्वरूप है, इसमें छह विग्रह हैं, इनमें एक रामलला हैं. बाकि उनके तीन भाई, पत्नी सीता और हनुमान हैं.
ये है अयोध्या के मंदिर में रामलला का सिंहासन. इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी और अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र ने भेंट किया है. चांदी के सिहासन के पृष्ठ पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण किए गए हैं
अयोध्या में रामलला 25 मार्च की सुबह अस्थायी मंदिर में शिफ्ट हो गए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला को टिन शेड से निकालकर फाइबर के बने अस्थायी मंदिर में विराजित किया.
CM योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का चेक भी दिया था.
अयोध्या की सरयू नदी के दाहिने तट पर ऊंचे टीले पर स्थित हनुमानगढ़ी सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा केवल छः (6) इंच लंबी है, जो हमेशा फूलमालाओं से सुशोभित रहती है.
अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दावा किया है कि मंदिर परिसर के समतलीकरण के दौरान पुराने मंदिर के तमाम अवशेष मिले हैं. ट्रस्ट ने ज़िलाधिकारी की अनुमति से 11 मई से वहां समतलीकरण का काम शुरू किया है.
इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के अनुसार अब तक ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, रेडसैंड स्टोन के 6 स्तंभ, नक्काशीनुमा शिवलिंग और मेहराब के पत्थर आदि मिले हैं.
समतलीकरण के दौरान काफ़ी संख्या में पुरावशेष, देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, आमलक आदि कलाकृतियां निकली हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के अनुसार समतलीकरण के दौरान मिले शिवलिंग, खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश,आदि राम मंदिर होने के प्रमाण हैं.
समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष.
समतलीकरण के दौरान मिली मूर्तियां.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ज़िलाधिकारी की अनुमति से 11 मई से वहां समतलीकरण का काम शुरू किया है.
समतलीकरण के दौरान मिले खंभे.
बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद में निर्मोही अखाड़ा के महंत महंत रघुबर दास ने 1885 में फैजाबाद की जिला अदालत में पहली बार याचिका दायर की थी. अयोध्या विवाद की असल शुरुआत 23 दिसंबर 1949 को, जब भगवान राम की मूर्तियां मस्जिद में पाई गईं..6 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हिंदू और मुस्लिम पक्ष की अपीलों पर सुनवाई शुरू की. 9 नवंबर 2019, को पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी थी. इसके बाद से केंद्र और राज्य सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट के आदेशानुसार काम करना शुरू किया.5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी की.लॉकडाउन के दौरान मंदिर परिसर का समतलीकरण किया गया. इस दौरान कई मूर्तियां गुंबद और खंभे मिले हैं, जो भी अवशेष मिले हैं वो ट्रस्ट की ही निगरानी में रखे गए हैं.