अयोध्या : राम मंदिर जमीन विवाद का मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. आरोप है कि जिस दिन साढ़े 18 करोड़ रुपए वाली जमीन की डील हुई थी, उसी दिन गाटा संख्या 242 में ही हरीश पाठक और कुसुम पाठक ने 1.037 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के पक्ष में की थी. इस जमीन की कीमत 8 करोड़ आरटीजीएस के जरिए विक्रेता के खाते में जमा की गई है. इस बैनामें के लेख पत्र की एक तस्वीर सामने आने के बाद मामले का खुलासा हुआ है.
सरकारी अभिलेखों में दर्ज भूमि गाटा संख्या 242 में एक रकबे को हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पक्ष में 18 मार्च को बैनामा किया है. इस जमीन की कीमत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 8 करोड़ रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमीन के मालिक हरीश पाठक और कुसुम पाठक के खाते में जमा की है. जो जमीन ट्रस्ट को बेची गई है, उसका क्षेत्रफल 80 बिस्वा बताया जा रहा है. दिलचस्प बात यह है की खरीद-फरोख्त भी 18 मार्च 2021 को ही हुई है. इस जमीन की मालियत चार करोड़ 97 लाख 76 हजार रुपये है, जबकि इसकी खरीद-फरोख्त के लिए 56 लाख रुपए स्टांप ड्यूटी अदा की गई है.
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'1.037 हेक्टेयर जमीन की कीमत 8 करोड़ कैसे'
18 मार्च 21 को ही हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक ने 18 मार्च, 2021 को भूमि गाटा संख्या 242, 243, 244 और 246 को 1.208 हेक्टेयर जमीन पूर्व में किए गए एग्रीमेंट के आधार पर प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपए में बैनामा की थी. जो करीब 100 बिस्वा बताई जा रही है. वहीं इसी जमीन के गाट नंबर 242 के एक और रकबे को जमीन के मालिक हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक में 18 मार्च 2021 को ही 8 करोड़ रुपए में बेचा है.
उठ रहे सवाल
आखिर क्यों 100 बिसवा जमीन 18 करोड़ 50 लाख में ली गई और 80 बिसवा जमीन उसी स्थल से सटी हुई मात्र आठ करोड़ में ली गयी? जबकि दोनों भूमि कुसुम पाठक और हरीश पाठक की ही थी. हालांकि अभी इस मामले में भी कई तथ्य सामने आने बाकी है.
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