अयोध्या : रामनगरी अयोध्या इन दिनों 6 दिसंबर 1992 को याद करती हुई दिखाई दे रही है. एक बार फिर अयोध्या में इस तरह टोलियां बनाकर राम भक्त जय श्री राम का उद्घोष करते हुए पहुंच रहे हैं. जैसे 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के लिए राम भक्तों की पूरी टोली अयोध्या पहुंची थी. प्रतिदिन देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग अपने प्रभु आराध्य श्री राम की नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. जिसका उद्देश्य भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा को समर्पित करना है. फर्क सिर्फ इतना है कि उस दौर में अयोध्या में उस कलंक को मिटाने के लिए राम भक्त पहुंचे थे और इस दौर में भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन की खुशी मनाने पहुंच रहे हैं.
पीएम मोदी के गांव से अखंड ज्योति लेकर अयोध्या पहुंचे राम भक्त : 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव वडनगर गुजरात से 10 युवक पैदल चलकर अखंड ज्योति लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. गुजरात वडनगर के हटकेश्वर महादेव के मंदिर से चलकर यह अखंड ज्योति राम मंदिर मॉडल के साथ अयोध्या पहुंची है. युवकों ने लगभग 1300 किलोमीटर का सफर 15 दिन में तय किया है. यह अखंड ज्योति श्री राम जन्मभूमि में समर्पित की जाएगी. राम भक्त पवन चौधरी ने बताया कि पूरे देश में यह संदेश देना हमारा उद्देश्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो चाहते हैं कि जब 22 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हों तो हर घर में दीपावली मनाई जाए और प्रभु राम का स्वागत हो.
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