ETV Bharat / state

रामलला को मिला गर्भगृह की जमीन का कानूनी हक, ट्रस्ट ने सौंपी जमीन

author img

By

Published : Aug 1, 2020, 12:17 PM IST

Updated : Aug 1, 2020, 2:15 PM IST

अयोध्या में भगवान राम के गर्भगृह की जमीन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी गई है. अब रामलला कानूनी रूप से अपने गर्भगृह 2.77 एकड़ परिसर के अधिकारी बन गए हैं.

गर्भगृह की जमीन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ट्रांसफर
गर्भगृह की जमीन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ट्रांसफर

अयोध्या: राम मंदिर भूमि पूजन से पहले रामलला विराजमान को 2.77 एकड़ की भूमि सौंप दी गई है. भगवान अब कानूनी रूप से अपने जन्म स्थान के अधिकारी बन गए हैं. आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में रामलला स्वयं अपने जन्म स्थान के लिए लड़ रहे थे. अदालत में रामलला विराजमान के नाम से वह स्वयं पक्षकार बने थे.

नौ नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आया था. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी होने पर राम जन्मभूमि परिसर और अधिग्रहीत परिसर समेत पूरे 70 एकड़ का मालिकाना हक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को प्रशासन ने सौंप दिया था. इसके बाद से रामलला के गर्भगृह की 2.77 एकड़ भूमि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास थी. मंदिर निर्माण की शुरुआत से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के जन्म स्थान की जमीन उन्हें दे दी है. अब रामलला कानूनी रूप से अपने गर्भगृह के 2.77 एकड़ परिसर के अधिकारी बन गए हैं.

भूमि पर है रामलला का कानूनी हक

देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना था. 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को देने का आदेश दिया था. बता दें कि इस केस के तीन पक्ष थे. रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड. रामलला विराजमान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. परासरन ने पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक ही रामलला को ट्रस्ट ने उनका हक सौंप दिया हैं.

अयोध्या: राम मंदिर भूमि पूजन से पहले रामलला विराजमान को 2.77 एकड़ की भूमि सौंप दी गई है. भगवान अब कानूनी रूप से अपने जन्म स्थान के अधिकारी बन गए हैं. आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में रामलला स्वयं अपने जन्म स्थान के लिए लड़ रहे थे. अदालत में रामलला विराजमान के नाम से वह स्वयं पक्षकार बने थे.

नौ नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आया था. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी होने पर राम जन्मभूमि परिसर और अधिग्रहीत परिसर समेत पूरे 70 एकड़ का मालिकाना हक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को प्रशासन ने सौंप दिया था. इसके बाद से रामलला के गर्भगृह की 2.77 एकड़ भूमि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास थी. मंदिर निर्माण की शुरुआत से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के जन्म स्थान की जमीन उन्हें दे दी है. अब रामलला कानूनी रूप से अपने गर्भगृह के 2.77 एकड़ परिसर के अधिकारी बन गए हैं.

भूमि पर है रामलला का कानूनी हक

देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना था. 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को देने का आदेश दिया था. बता दें कि इस केस के तीन पक्ष थे. रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड. रामलला विराजमान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. परासरन ने पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक ही रामलला को ट्रस्ट ने उनका हक सौंप दिया हैं.

Last Updated : Aug 1, 2020, 2:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.