ETV Bharat / state

अयोध्या: 40 गरीब कुम्हारों के लिए 'भगवान' बनकर आए सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुम्हारों के खुशियों के दिन वापस आ गए हैं. योगी सरकार ने अयोध्या के 40 गरीब परिवारों से 4 लाख दीए खरीदने के ऑर्डर दिए हैं, जिससे कि कुम्हार अपने सारे कार्यों को छोड़ दीप बनाने में जुट गए हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिल सके.

दीये बनाने में जुटे कुम्हार
author img

By

Published : Oct 14, 2019, 4:15 PM IST

अयोध्या: कहते हैं देव दिवाली के दिन कोई भी गरीब भूखा नहीं सोता, क्योंकि अयोध्या में ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता भी अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी की खुशियों में शामिल होने के लिए विभिन्न रूपों में आते हैं. एक बार फिर से उसी देवों के दीपोत्सव को मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं.

दीये बनाने में जुटे कुम्हार.

चार लाख दीए बनाने के लक्ष्य
अयोध्या में अपने परंपरागत काम छोड़कर मजदूरी करन वाले मजदूर की खुशियां इस दिवाली वापस लौट आई हैं. योगी सरकार ने अयोध्या के 40 गरीब परिवारों से 4 लाख दीए खरीदने का ऑर्डर दे दिया है. इस बार वहीं तीसरे दीपोत्सव के लिए अयोध्या में 12 प्रमुख स्थलों और मंदिरों में प्रज्ज्वलित होने वाले दीप के लिए पूरा गांव जुट गया है. अयोध्या में जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार के परिवार इस काम मे लगे हुए हैं.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या: दीपोत्सव में चुनिंदा कुम्हारों को मिला दिया बनाने का मौका, बाकी खस्ताहाल

लौट आए अच्छे दिन
इस वर्ष सालों से छाई काली अंधियारी और बेरोजगारी मजदूरों की दूर हो रही है. पिछले साल दिपोत्सव पर ढ़ाई लाख दीए का इस्तेमाल किया गया था. इस बार 4 लाख दीपों का लक्ष्य रखा गया है. इन दीयों को 20 अक्टूबर तक तैयार करके नोडल संस्था के रूप में कार्य करने वाली अवध विश्वविद्यालय को सौंप देना है. जयसिंहपुर गांव के प्रजापति परिवार के लोग दीपोत्सव को लेकर मोदी और योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं.

प्रजापति परिवार का कहना है कि गांव के लोग कुम्हार कला को छोड़कर शहरों की तरफ पलायन कर रहे थे, लेकिन अब वह अपनी पुश्तैनी पेशे को अपनाने के लिए वापस आ रहे हैं. ये सब सीएम योगी के वजह से सम्भव हो सका है, जो कि भगवान बनकर आए हैं. उन्होंने कहा कि दीपोत्सव और प्लास्टिक पर लगी रोक से उनकी कला को नया प्रोत्साहन मिल रहा है. इससे काम मिलने से युवा भी इस कला में वापस आ रहे हैं.

अयोध्या: कहते हैं देव दिवाली के दिन कोई भी गरीब भूखा नहीं सोता, क्योंकि अयोध्या में ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता भी अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी की खुशियों में शामिल होने के लिए विभिन्न रूपों में आते हैं. एक बार फिर से उसी देवों के दीपोत्सव को मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं.

दीये बनाने में जुटे कुम्हार.

चार लाख दीए बनाने के लक्ष्य
अयोध्या में अपने परंपरागत काम छोड़कर मजदूरी करन वाले मजदूर की खुशियां इस दिवाली वापस लौट आई हैं. योगी सरकार ने अयोध्या के 40 गरीब परिवारों से 4 लाख दीए खरीदने का ऑर्डर दे दिया है. इस बार वहीं तीसरे दीपोत्सव के लिए अयोध्या में 12 प्रमुख स्थलों और मंदिरों में प्रज्ज्वलित होने वाले दीप के लिए पूरा गांव जुट गया है. अयोध्या में जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार के परिवार इस काम मे लगे हुए हैं.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या: दीपोत्सव में चुनिंदा कुम्हारों को मिला दिया बनाने का मौका, बाकी खस्ताहाल

लौट आए अच्छे दिन
इस वर्ष सालों से छाई काली अंधियारी और बेरोजगारी मजदूरों की दूर हो रही है. पिछले साल दिपोत्सव पर ढ़ाई लाख दीए का इस्तेमाल किया गया था. इस बार 4 लाख दीपों का लक्ष्य रखा गया है. इन दीयों को 20 अक्टूबर तक तैयार करके नोडल संस्था के रूप में कार्य करने वाली अवध विश्वविद्यालय को सौंप देना है. जयसिंहपुर गांव के प्रजापति परिवार के लोग दीपोत्सव को लेकर मोदी और योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं.

प्रजापति परिवार का कहना है कि गांव के लोग कुम्हार कला को छोड़कर शहरों की तरफ पलायन कर रहे थे, लेकिन अब वह अपनी पुश्तैनी पेशे को अपनाने के लिए वापस आ रहे हैं. ये सब सीएम योगी के वजह से सम्भव हो सका है, जो कि भगवान बनकर आए हैं. उन्होंने कहा कि दीपोत्सव और प्लास्टिक पर लगी रोक से उनकी कला को नया प्रोत्साहन मिल रहा है. इससे काम मिलने से युवा भी इस कला में वापस आ रहे हैं.

Intro:अयोध्या. कहते हैं, देव दीपावली के दिन कोई भी गरीब भूखा नहीं सोता, क्योंकि अयोध्या में ऐसी मान्यता है कि, इस दिन देवता भी अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी की खुशियों में शामिल होने के लिए विभिन्न रूपों में आते हैं। एक बार फिर से उसी देवों के दीपोत्सव को मनाने की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं।
अयोधया में अपने परंपरागत काम छोड़कर मजदूरी करने वालों की खुशियां इस दीवाली वापस लौट आई हैं। क्योंकि योगी सरकार ने अयोध्या के 40 गरीब परिवारों से 4लाख दिए खरीदने का ऑर्डर दे दिया है।

इस बार वही तीसरे दीपोत्सव के लिए अयोध्या में 12 प्रमुख स्थलों और मंदिरों में प्रज्ज्वलित होने वाले दीप के लिए पूरा गांव जुट गया है।

Body:अयोध्या में जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार के परिवार इस काम मे लगे हुए हैं। इस वक़्त कोई भी बात करने के लिए भी फ्री नहीं है।
क्योंकि इस बार काम ज्यादा है, आर्डर बड़ा है। और सालों से छाई काली अंधियारी बेरोजगारी दूर हो रही हिअ।
पिछले साल दीपोत्सव पर ढाई लाख दियो का इस्तेमाल किया गया था, इस बार 4 लाख दीपों का लक्ष्य रखा गया है। इन दीयों को 20 अक्टूबर तक तैयार करके नोडल संस्था के रूप में कार्य करने वाली अवध विश्वविद्यालय को सौंप देना है।
आपको बताते चले कि जयसिंहपुर गांव के प्रजापति परिवार के लोग दीपोत्सव को लेकर मोदी और योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं।
उनका कहना है।कि गांव के लोग कुम्हार कला को छोड़कर शहरों की तरफ पलायन कर रहे थे।
लेकिन अब वह अपनी पुश्तैनी पेशे को अपनाने के लिए वापस आ रहे हैं। ये सब सीएम योगी का ही काम है, जो भगवान बनकर आए हैं।
उन्होंने कहा कि दीपोत्सव और प्लास्टिक पर लगी रोक से उनकी कला को नया प्रोत्साहन मिल रहा है।काम मिलने से युवा भी इस कला में वापस आ रहा है।

BYTE-विनोद कुमार प्रजापति(कुम्हार कारीगर)Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.