अयोध्या: कहते हैं देव दिवाली के दिन कोई भी गरीब भूखा नहीं सोता, क्योंकि अयोध्या में ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता भी अयोध्या में भगवान श्रीराम की वापसी की खुशियों में शामिल होने के लिए विभिन्न रूपों में आते हैं. एक बार फिर से उसी देवों के दीपोत्सव को मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं.
चार लाख दीए बनाने के लक्ष्य
अयोध्या में अपने परंपरागत काम छोड़कर मजदूरी करन वाले मजदूर की खुशियां इस दिवाली वापस लौट आई हैं. योगी सरकार ने अयोध्या के 40 गरीब परिवारों से 4 लाख दीए खरीदने का ऑर्डर दे दिया है. इस बार वहीं तीसरे दीपोत्सव के लिए अयोध्या में 12 प्रमुख स्थलों और मंदिरों में प्रज्ज्वलित होने वाले दीप के लिए पूरा गांव जुट गया है. अयोध्या में जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार के परिवार इस काम मे लगे हुए हैं.
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लौट आए अच्छे दिन
इस वर्ष सालों से छाई काली अंधियारी और बेरोजगारी मजदूरों की दूर हो रही है. पिछले साल दिपोत्सव पर ढ़ाई लाख दीए का इस्तेमाल किया गया था. इस बार 4 लाख दीपों का लक्ष्य रखा गया है. इन दीयों को 20 अक्टूबर तक तैयार करके नोडल संस्था के रूप में कार्य करने वाली अवध विश्वविद्यालय को सौंप देना है. जयसिंहपुर गांव के प्रजापति परिवार के लोग दीपोत्सव को लेकर मोदी और योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं.
प्रजापति परिवार का कहना है कि गांव के लोग कुम्हार कला को छोड़कर शहरों की तरफ पलायन कर रहे थे, लेकिन अब वह अपनी पुश्तैनी पेशे को अपनाने के लिए वापस आ रहे हैं. ये सब सीएम योगी के वजह से सम्भव हो सका है, जो कि भगवान बनकर आए हैं. उन्होंने कहा कि दीपोत्सव और प्लास्टिक पर लगी रोक से उनकी कला को नया प्रोत्साहन मिल रहा है. इससे काम मिलने से युवा भी इस कला में वापस आ रहे हैं.