अयोध्या: सवेरा परिवार की ओर से पिछले 7 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. सवेरा परिवार अब अयोध्या की 84 कोस की शास्त्रीय सीमा के पौराणिक कुंडों से नवग्रह वाटिका ने रोपड़ का अभियान शुरू करने का संकल्प किया है. इसका आरम्भ राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ स्थल मखभूमि (मखौड़ा) से होगा. इसके बाद योगिनी कुंड और घृताची कुंड पर यह अभियान चलेगा.
सवेरा परिवार के संस्थापक आचार्य शिवेंद्र ने बताया कि नवग्रह वाटिका, हरिशंकरी जगहों पर पर्यावरण के मित्र वृक्षों को लोगों के सहयोग से लगवाया जा रहा है. साथ ही पक्षियों के संरक्षण के लिए 'थोड़ा सा दाना, थोड़ा सा पानी' कार्यक्रम भी निरंतर चलाया जा रहा है. जगह-जगह पर गौरैया संरक्षण के लिए घोसले का वितरण भी किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित बिहार और कोलकाता आदि भारत के विभिन्न प्रांतों में हजारों वृक्षों का वितरण एवं रोपण किया जा चुका है.
पांच हजार से अधिक घोसलों का किया जा चुका है वितरण
सवेरा परिवार के संस्थापक आचार्य शिवेंद्र के अनुसार पांच हजार से अधिक घोसले अब तगक वितरित किए जा चुके हैं. लोगों को यह समझना ही होगा कि हमने अपनी जड़ों से दूर होकर अपनी जीवनशैली में घातक बदलाव किए हैं. वास्तव में हम एक हाहाकारी युग की ओर जा रहे हैं. हमें चेतना होगा हमें जागना ही होगा. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के कीड़े और टिड्डी दल हैं, जिनकी प्रजनन क्षमता बहुत ही तेज होती है और इन्हें नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रकार के पक्षियों का होना आवश्यक है.
इसी प्रकार अन्य पक्षी भी मानव जाति की सुरक्षा के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, इसलिए हमें उन्हें अपने जीवन दाता के रूप में महत्व देना होगा. उन्होंने कहा कि सवेरा परिवार लोगों को निरंतर जागरूक कर रहा है, लेकिन साथ में एक गांव को गोद लेकर उसे वृहद स्तर पर पक्षियों एवं सुंदर वृक्षों से सजाने के लिए कृत संकल्पित भी है.
सवेरा परिवार के संस्थापक आचार्य शिवेंद्र ने कहा कि हम उस गांव को इस स्तर पर विकसित करेंगे कि पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह गांव आदर्श बनेगा और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. उन्होंने कहा कि गांव का चन पहले ही हो जाता, बीच में कोरोना महामारी आ जाने के कारण यह कार्य नहीं हो पाया और इसे आगे बढ़ा दिया गया. इस बार आदर्श गांव को गोद लेकर विकसित करने की योजना अगले वर्ष तक पूरी कर ली जाएगी.
चौरासी कोस में किया जाएगा पौधरोपण
उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम के अवतार लेने से पहले बहुत से ऋषि महर्षि अयोध्या आए और इस क्षेत्र को अपनी तपोस्थली बनाई. अयोध्या के आसपास चौरासी कोस में आने वाले उन सभी तपोस्थलियो एवं पवित्र तीर्थों में शीघ्र ही सवेरा परिवार की ओर से हरी शंकरी व नवग्रह वाटिका आदि पौधों के रोपण का कार्यक्रम किया जाएगा. साथ ही उन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण मूलतः पक्षियों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सवेरा परिवार की ओर से श्री राम जन्मभूमि परिसर में पौधरोपण का प्रस्ताव देने की योजना है.