अयोध्या : गोवंशों की सेवा के लिए समर्पित समाजसेवी रितेश मिश्रा कोरोना महामारी में लावारिस शवों को कंधा दे रहे हैं. शवों को लकड़ी देने, घाट पर लाने और कंधा देने के लिए वे हर वक्त मौजूद रहते हैं. बिना किसी प्रलोभन के करीब 5 वर्षो से यह युवा समाजसेवा के लिए इस कदर समर्पित है कि जानने वाले आश्चर्य में डूब जाते हैं.
शिक्षा के साथ नागेश्वर नाथ मंदिर में शुरू की सेवक की नौकरी
करीब 20 वर्षीय रितेश के पिता बाल्यावस्था में ही उन्हें छोड़ स्वर्गवासी हो गए. माता मंजू देवी के पालन पोषण से रितेश ने जब होश संभाला तो उन्होंने शिक्षा के साथ नागेश्वर नाथ मंदिर में सेवक की नौकरी भी शुरू कर दी. इस दौरान वे राम की पैड़ी व सरयू तट पर गोवंशों की सेवा और शवों का अंतिम संस्कार करने लगे. रितेश गोसेवा के साथ दुर्घटनाग्रस्त लोगों व जानवरों को अस्पताल भी पहुंचाते हैं. वहीं जब किसी के घर में सांप निकलता है तो वह उसे मारने नहीं देते. वहीं हिरण व घायल मोर आदि की भी सेवा कर रहे हैं.
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समाजसेवी रितेश मिश्रा कहते हैं कि उनके अन्दर सेवा का भाव है. भगवान नागेश्वरनाथ की कृपादृष्टि से ही यह संभव हो पा रहा है. वे कहते हैं कि सेवा का कोई निर्धारित समय नहीं है. जब सूचना मिली, चल पड़ते हैं.