अयोध्या : डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग में संचालित पायलट कम डिमांस्ट्रेशन प्रोजेक्ट डिजिटलाइजेशन ऑफ फ्लावर फ्रॉम अयोध्या टेंपल का बुधवार को एक वर्ष पूरा हो गया. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट फूलों से इत्र, धूपबत्ती और अगरबत्ती का निर्माण होगा. इसके साथ ही कुलपति ने जैविक खाद के उत्पादन पर भी कार्य करने के लिए योजना बनाने की बात कही. कार्यकम में महंत रामदास ने नाका हनुमानगढ़ी से निकलने वाले पुष्प प्लांट के लिए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने इस प्रोजेक्ट के लिए अयोध्या के सभी मंदिरों से पुष्प उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. साथ ही अयोध्या में व्यावसायिक उत्पादन का भी सुझाव दिया. प्रदेश कबड्डी संघ के अध्यक्ष विकास सिंह ने इस प्रोजेक्ट के सफलता की कामना की.
कोरोना काल ने प्रोजेक्ट में डाली थी रुकावट
पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. जसवंत सिंह ने बताया कि इत्र संयत्र के निर्माण से शोध कार्यों सहित अन्य शैक्षिणिक कार्यों को गति मिलेगी. इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है. प्रो. सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट गत वर्ष प्रारम्भ कर दिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसमें गति नहीं आ पाई थी. अब इसे कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के निर्देश पर दोबारा शुरू किया गया है.
इस अवसर पर महंत रामदास नाका हनुमानगढ़ी, महंत राजू दास अयोध्या हनुमानगढ़ी, कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह, डॉ. विनोद चौधरी, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. अरविंद बाजपेई, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, अमित मिश्रा, हिमांशु और एमएससी, बीएससी के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.