अयोध्या: जिले में कोरोना के बाद अब डेंगू का डंक लोगों को परेशान कर रहा है. अयोध्या शहर में ही दो दर्जन से ज्यादा मरीज सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. वहीं गांव की स्थिति भी अच्छी नहीं कही जा सकती है.
जनपद में लगातार डेंगू से पीड़ित मरीजों की तादाद बढ़ रही है. चिंता की बात यह है कि डेंगू से पीड़ित मरीजों की प्लेटलेट्स तेजी से कम हो रही है, जिससे उनकी जान जाने का खतरा बना हुआ है. मंगलवार की शाम भी एक अधिवक्ता की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई थी, जिसके बाद काफी हंगामा भी हुआ था.
जिला अस्पताल में 18 डेंगू पीड़ित मरीज
अयोध्या शहर में बड़ी संख्या में जिला अस्पताल और शहर के प्राइवेट अस्पतालों में लोग डेंगू से पीड़ित होने के बाद अपना इलाज करा रहे हैं. जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ अजय तिवारी ने बताया कि जिला चिकित्सालय में बुधवार की दोपहर तक डेंगू से पीड़ित कुल 18 मरीजों का इलाज चल रहा है. आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, जो चिंता का विषय है.
डेंगू से बचाव के उपाय
डॉ तिवारी ने बताया कि डेंगू से पीड़ित मरीजों को समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. लेकिन लगातार बढ़ रहे इस बीमारी के संक्रमण से सचेत होने की जरूरत है. शहर के लोगों को सलाह है कि वह अपने घरों के आसपास पानी ना जमा होने दें. साफ-सफाई रखें. शुद्ध और पौष्टिक खाना खाएं. यदि कोई डेंगू से प्रभावित हो जाए तो तत्काल उसकी जांच और उसे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए. डेंगू के संक्रमण में आने के बाद मरीज का प्लेटलेट्स तेजी से कम होता है. कई बार मरीज को रक्त स्त्राव की समस्या भी हो सकती है और यह बढ़ने पर मरीज की मौत भी हो जाती है.
जानिए आखिर क्या है डेंगू के शुरुआती लक्षण
डॉ. अजय तिवारी ने बताया डेंगू की बीमारी में प्राथमिक लक्षणों में मरीज के जोड़ों में तेज दर्द, ठंड लगकर बुखार आना और कुछ मामलों में जी मिचलाना और उल्टी आने जैसी स्थिति भी हो जाती है. अगर इस तरह के लक्षण किसी व्यक्ति में हो तो उसे तत्काल अपने खून की जांच करानी चाहिए. दवा के रूप में पैरासिटामॉल का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बाद लेना चाहिए.
डेंगू से बचाव के रूप में मरीज को पूरी बांह के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है और अच्छा खानपान रखने के साथ साफ-सुथरे स्थान पर रहने की जरूरत है. डेंगू का संक्रमण बेहद खतरनाक है और प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के बाद मरीज को जान जाने का खतरा भी पैदा हो जाता है.
सही खानपान से ठीक हो रहे हैं मरीज
शहर के रिकाबगंज इलाके की रहने वाली महिला माया देवी के पति और उनके बेटे को 22 अक्टूबर को डेंगू का संक्रमण हुआ था, जिसके बाद वह अपने परिवार के सदस्यों का इलाज जिला चिकित्सालय में करा रही हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठीक हैं, जिसकी वजह से उनके पति और उनके बेटे के स्वास्थ्य में सुधार है.
जानिए आखिर कोरोना से ज्यादा खतरनाक क्यों है डेंगू
डेंगू को कोरोना से ज्यादा खतरनाक इसलिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि कोरोना से संक्रमित मरीजों को सर्दी बुखार जुखाम या बदन दर्द की शिकायत है. वह भी दवाई लेने पर नियंत्रण में आ जा रही है. लेकिन डेंगू से पीड़ित मरीज को तेज बुखार ठंड लगने बदन में दर्द होने के साथ तेजी से प्लेटलेट्स कम होने की समस्या हो रही है, जो कि बेहद जानलेवा है. इस खतरे से लोग डरे हुए हैं .हैरान करने वाली बात यह है कि लगातार जनपद में डेंगू के बढ़ रहे आंकड़ों के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन ने कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया है, जबकि डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या शहरों की तरह गांव में भी काफी है.