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रामलला को टेंट में देखकर दुखी हैं धर्माचार्य, न भूख लगती है न नींद आती है: परमहंस दास

यूपी के अयोध्या में तपसी छावनी में धर्मादेश हवन का आयोजन किया गया. यह अनुष्ठान तपसी छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने किया. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन के साथ राम मंदिर निर्माण की कामना की.

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हवन करते परमहंस दास.
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Published : Jan 29, 2020, 2:22 AM IST

अयोध्या: भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण और उसके लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को लेकर संतों, महंतों में उत्सुकता है. वहीं तपसी छावनी के पीठाधीश्वर रहे महंत परमहंस दास का कहना है कि रामलला के टेंट में होने से धर्माचार्य दुखी हैं. उन्होंने तय समय सीमा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की मांग की है.

राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से मांग.

राम मंदिर निर्माण के लिए धर्मादेश हवन
राम नगरी की प्राचीनतम और सिद्ध पीठ तपसी जी की छावनी में धर्मादेश हवन का आयोजन किया गया. यह अनुष्ठान तपसी छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने आयोजित किया. वैदिक मंत्रोच्चार से हवन पूजन के साथ शीघ्र राम मंदिर निर्माण की कामना की गई. इस मौके पर परमहंस दास ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम के निर्णय के अनुरूप तय समय सीमा में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.

रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्य हैं दुखी
परमहंस दास ने कहा कि रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्यों को कष्ट होता है. उन्होंने कहा कि जब तक रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाता, तब तक धर्माचार्यों को भूख नहीं लग रही है, नींद भी नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि रामलला को टेंट में देखकर आंख में आंसू आ रहे हैं. परमहंस ने कहा कि भगवान राम हमारे प्राण हैं. उनका टेंट में रहना उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में संतोष, बोले- जल्द हो भव्य मंदिर का निर्माण

तय समय सीमा में राम मंदिर निर्माण की रुपरेखा हो तय
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य को लेकर देरी धर्माचार्यों को सहन नहीं हो रहा है. परमहंस दास ने कहा है कोर्ट द्वारा तय समय सीमा अब समाप्त होने वाली है. उन्होंने कहा है पीएम मोदी, राष्ट्रपति, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्य मंत्री, साधू संत और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों की मौजूदगी में राम नवमी के दिन राम मंदिर निर्माण की शुरुआत सुनिश्चित होनी चाहिए.

अयोध्या: भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण और उसके लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को लेकर संतों, महंतों में उत्सुकता है. वहीं तपसी छावनी के पीठाधीश्वर रहे महंत परमहंस दास का कहना है कि रामलला के टेंट में होने से धर्माचार्य दुखी हैं. उन्होंने तय समय सीमा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की मांग की है.

राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से मांग.

राम मंदिर निर्माण के लिए धर्मादेश हवन
राम नगरी की प्राचीनतम और सिद्ध पीठ तपसी जी की छावनी में धर्मादेश हवन का आयोजन किया गया. यह अनुष्ठान तपसी छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने आयोजित किया. वैदिक मंत्रोच्चार से हवन पूजन के साथ शीघ्र राम मंदिर निर्माण की कामना की गई. इस मौके पर परमहंस दास ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम के निर्णय के अनुरूप तय समय सीमा में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.

रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्य हैं दुखी
परमहंस दास ने कहा कि रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्यों को कष्ट होता है. उन्होंने कहा कि जब तक रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाता, तब तक धर्माचार्यों को भूख नहीं लग रही है, नींद भी नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि रामलला को टेंट में देखकर आंख में आंसू आ रहे हैं. परमहंस ने कहा कि भगवान राम हमारे प्राण हैं. उनका टेंट में रहना उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में संतोष, बोले- जल्द हो भव्य मंदिर का निर्माण

तय समय सीमा में राम मंदिर निर्माण की रुपरेखा हो तय
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य को लेकर देरी धर्माचार्यों को सहन नहीं हो रहा है. परमहंस दास ने कहा है कोर्ट द्वारा तय समय सीमा अब समाप्त होने वाली है. उन्होंने कहा है पीएम मोदी, राष्ट्रपति, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्य मंत्री, साधू संत और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों की मौजूदगी में राम नवमी के दिन राम मंदिर निर्माण की शुरुआत सुनिश्चित होनी चाहिए.

Intro:अयोध्या: रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण और उसके लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को लेकर संतों, महंतों और आमजन में उत्सुकता है. वहीं तपसी जी छावनी के पीठाधीश्वर रहे महंत परमहंस दास का कहना है कि रामलला के टेंट में होने से धर्माचार्य दुखी हैं. उन्हें रात में नींद नहीं आ रही है. ठीक से भोजन नहीं हो रहा है. उन्होंने तय समय सीमा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की मांग की है.
Body:राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में धर्मादेश हवन
राम नगरी की प्राचीनतम और सिद्ध पीठ तपसी जी की छावनी में धर्मादेश हवन का आयोजन किया गया. यह अनुष्ठान तपसी जी की छावनी की पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने आयोजित किया. वैदिक मंत्रोच्चार से साथ हवन पूजन के साथ अयोध्या में शीघ्र राम मंदिर निर्माण की कामना की गई. इस मौके पर परमहंस दास ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम के निर्णय के अनुरूप तय समय सीमा में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.

रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्य हैं दुखी: परमहंस दास
रामलला को टेंट में देखकर धर्माचार्यों को कष्ट होता है. रामजन्मभूमि को लेकर विवाद समाप्त होने के बाद अब प्रतीक्षा करना कष्टकर है. जब तक रामलला के मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक धर्माचार्यों को भूख नहीं लग रही है. नींद भी नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि रामलला को टेंट में देखकर आंख से आंसू आ रहे हैं. परमहंस ने कहा कि भगवान राम हमारे प्राण हैं. उनका टेंट में रहना उचित नहीं है.

तय समय सीमा में राम मंदिर निर्माण की रुपरेखा हो तय
परमहंस दास ने कहा है कि रामनवमी की तिथि पर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाना चाहिए. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि तीन महीने के अंदर भव्य राम राम मंदिर के निर्माण की रुपरेखा तय होगी. अब ऐसा ही होना चाहिए. Conclusion:उन्होंने कहा कि राम हमारे प्राण हैं. उनके कार्य को लेकर देरी धर्माचार्यों का सहन नहीं हो रही है. परमहंस दास ने कहा है कोर्ट द्वारा तय समय सीमा अब समाप्त होने वाली है. उन्होंने कहा है पीएम मोदी, राष्ट्रपति, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्य मंत्री, साधू संत और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों की मौजूदगी में राम नवमी के दिन राम मंदिर निर्माण की शुरुआत सुनिश्चित होनी चाहिए.
बाईट_ परमहंस दास, पूर्व पीठाधीश्वर, तपसी जी की छावनी
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