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कोरोना के चलते साधु-संतों की अपील, कार्तिक मेले में बाहरी श्रद्धालु न आए अयोध्या

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Published : Nov 20, 2020, 7:04 PM IST

कोरोना को देखते हुए साधु-संतों ने कार्तिक मेले, 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान में बाहरी श्रद्धालुओं से अयोध्या नहीं आने की अपील की है. श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अपील की है कि घर में ही रह कर पूजा अर्चना करें. वहीं बाहरी श्रद्धालुओं को रोकने के लिए अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है.

कोरोना के चलते साधु-संतों की अपील.
कोरोना के चलते साधु-संतों की अपील.

अयोध्या: दीपोत्सव के कुशलता से निपटने के बाद अब कार्तिक मेले की बारी है. दीपोत्सव की तरह ही कार्तिक मेले के ऊपर कोविड-19 का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए खुद साधु-संतों ने कार्तिक मेले के आयोजन में 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान में देश के लाखों श्रद्धालुओं से अयोध्या नहीं आने की अपील की है. अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से पंचकोसी परिक्रमा, 14 कोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले में शामिल होने के लिए परंपरागत आते रहे हैं.

कोरोना के चलते साधु-संतों की अपील.

22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय
इस बार कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा से पूर्व 22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. जिससे अयोध्या में बाहरी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सके और कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. 22 नवंबर की रात से अगले पूरे दिन -रात्रि में 14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है. उसके अलावा 25 नवंबर की भोर में पंचकोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है और 29 नवम्बर की रात्रि में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त है.

इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आकर पुण्य अर्जित करते थे. लेकिन इस बार कोविड-19 के खतरे को देखते हुए संतों ने देश भर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह अयोध्या नहीं आए. घर में ही रह कर पूजा अर्चना करें. अयोध्या में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए अयोध्या की सीमाओं को जिला प्रशासन ने सील करने का निर्णय लिया है.

संतो ने श्रद्धालुओं से कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या नहीं आने की अपील की
अयोध्या के संतो ने देश भर के श्रद्धालुओं से कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या नहीं आने की अपील की है. श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा, पूर्णिमा स्नान में श्रद्धालुओं को अयोध्या नहीं पहुंचना चाहिए. क्योंकि इस महामारी से बचाव ही उपाय है. एक संक्रमित व्यक्ति से कई लोग संक्रमित हो सकते हैं, ऐसे में परिक्रमा व मेले में सावधानी बरतना जरूरी है. आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि घर में पूजा पाठ और परिक्रमा से भी आप पुण्य अर्जित कर सकते हैं. इसके लिए एक स्थान पर खड़े होकर सूर्य के सामने पांच वा 14 बार परिक्रमा करें. सूर्य की परिक्रमा करने से अयोध्या की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होगा.

मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत ने की अपील
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करें और महामारी से बचते हुए ही कोई कार्य करें.

इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए अयोध्या के प्रमुख तीन मेलों पर ग्रहण लगा है. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्तिक मेला को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. लेकिन फिर भी कार्तिक मेला के आयोजन में जिला प्रशासन किसी भी रूप में भीड़ नहीं होने देगा.

अयोध्या: दीपोत्सव के कुशलता से निपटने के बाद अब कार्तिक मेले की बारी है. दीपोत्सव की तरह ही कार्तिक मेले के ऊपर कोविड-19 का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए खुद साधु-संतों ने कार्तिक मेले के आयोजन में 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान में देश के लाखों श्रद्धालुओं से अयोध्या नहीं आने की अपील की है. अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से पंचकोसी परिक्रमा, 14 कोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले में शामिल होने के लिए परंपरागत आते रहे हैं.

कोरोना के चलते साधु-संतों की अपील.

22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय
इस बार कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा से पूर्व 22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. जिससे अयोध्या में बाहरी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सके और कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. 22 नवंबर की रात से अगले पूरे दिन -रात्रि में 14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है. उसके अलावा 25 नवंबर की भोर में पंचकोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है और 29 नवम्बर की रात्रि में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त है.

इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आकर पुण्य अर्जित करते थे. लेकिन इस बार कोविड-19 के खतरे को देखते हुए संतों ने देश भर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह अयोध्या नहीं आए. घर में ही रह कर पूजा अर्चना करें. अयोध्या में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए अयोध्या की सीमाओं को जिला प्रशासन ने सील करने का निर्णय लिया है.

संतो ने श्रद्धालुओं से कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या नहीं आने की अपील की
अयोध्या के संतो ने देश भर के श्रद्धालुओं से कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या नहीं आने की अपील की है. श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा, पूर्णिमा स्नान में श्रद्धालुओं को अयोध्या नहीं पहुंचना चाहिए. क्योंकि इस महामारी से बचाव ही उपाय है. एक संक्रमित व्यक्ति से कई लोग संक्रमित हो सकते हैं, ऐसे में परिक्रमा व मेले में सावधानी बरतना जरूरी है. आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि घर में पूजा पाठ और परिक्रमा से भी आप पुण्य अर्जित कर सकते हैं. इसके लिए एक स्थान पर खड़े होकर सूर्य के सामने पांच वा 14 बार परिक्रमा करें. सूर्य की परिक्रमा करने से अयोध्या की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होगा.

मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत ने की अपील
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करें और महामारी से बचते हुए ही कोई कार्य करें.

इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए अयोध्या के प्रमुख तीन मेलों पर ग्रहण लगा है. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्तिक मेला को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. लेकिन फिर भी कार्तिक मेला के आयोजन में जिला प्रशासन किसी भी रूप में भीड़ नहीं होने देगा.

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