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नृपेन्द्र मिश्रा ने श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र का किया निरीक्षण, निर्मोही अखाड़ा बेखबर

राम मंदिर निर्माण समिति के मुखिया नृपेन्द्र मिश्रा शनिवार को अयोध्या पहुंचे. उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में निरीक्षण किया. निरीक्षण में सभी सदस्य थे, लेकिन निर्मोही अखाड़ा से बनाये गए सदस्य दिनेन्द्र दास मौजूद नहीं थे. इस विषय पर दिनेन्द्र दास ने भी अपना पक्ष रखा.

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निरीक्षण.
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Published : Feb 29, 2020, 6:34 PM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में आज यानी शनिवार को मंदिर निर्माण समिति के मुखिया नृपेन्द्र मिश्रा अपनी टीम के साथ अयोध्या पहुंचे. उन्होंने हनुमान गढ़ी के दर्शन किए. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सभी सदस्य शामिल हुए, लेकिन निर्मोही अखाड़े से बनाए गए सदस्य दिनेन्द्र दास मौजूद नहीं थे.

दिनेन्द्र दास से फोन पर बातचीत.

आपको बता दें कि ट्रस्ट मे 9 महत्वपूर्व सदस्य ऐसे हैं, जो किसी न किसी रूप में विश्व हिन्दू परिषद से ताल्लुक रखते हैं, बाकी ब्यूरोक्रेट हैं. 2 सदस्य ऐसे हैं, जो कभी विश्व हिन्दू परिषद के साथ नहीं रहे, जिनमें विमलेंद्र मोहन मिश्रा और निर्मोही आखाड़ा है.

श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र का निरीक्षण.

विमलेंद्र मोहन मिश्रा बसपा के टिकट पर एक बार चुनाव लड़कर हार चुके हैं. वहीं निर्मोही अखाड़े ने कभी भी विश्व हिन्दू परिषद को पूर्व में स्वीकार नहीं किया था. ऐसे में पहली बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए उन्हें बतौर सदस्य शामिल तो कर लिया गया, लेकिन अब उन्हें पूछा भी नहीं जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: नए भारत के निर्माण में दिव्यांगों की भागीदारी आवश्यक: PM मोदी

इसी मुद्दे पर निर्मोही अखाड़े ने कई बार पत्र लिखकर पीएमओ को आदेश के अनुसार महत्वपूर्ण रोल की मांग भी की थी, लेकिन अब तक उसका जवाब नहीं मिला. वहीं हिन्दू पक्षकार धरम दास ने भी पिछले हफ्ते दिल्ली में एक पत्र के माध्यम से पीएम से गुहार लगाई थी, जिसमें उन्हें शामिल करने और फैसले में अहमियत की बात कही थी. दिनेन्द्र दास ने कहा कि निरीक्षण के बारे मे हमें कोई जानकारी नहीं है. हमसे किसी ने इस विषय पर बात भी नहीं की. मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई है कि वे दर्शन के लिए आए हैं.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में आज यानी शनिवार को मंदिर निर्माण समिति के मुखिया नृपेन्द्र मिश्रा अपनी टीम के साथ अयोध्या पहुंचे. उन्होंने हनुमान गढ़ी के दर्शन किए. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सभी सदस्य शामिल हुए, लेकिन निर्मोही अखाड़े से बनाए गए सदस्य दिनेन्द्र दास मौजूद नहीं थे.

दिनेन्द्र दास से फोन पर बातचीत.

आपको बता दें कि ट्रस्ट मे 9 महत्वपूर्व सदस्य ऐसे हैं, जो किसी न किसी रूप में विश्व हिन्दू परिषद से ताल्लुक रखते हैं, बाकी ब्यूरोक्रेट हैं. 2 सदस्य ऐसे हैं, जो कभी विश्व हिन्दू परिषद के साथ नहीं रहे, जिनमें विमलेंद्र मोहन मिश्रा और निर्मोही आखाड़ा है.

श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र का निरीक्षण.

विमलेंद्र मोहन मिश्रा बसपा के टिकट पर एक बार चुनाव लड़कर हार चुके हैं. वहीं निर्मोही अखाड़े ने कभी भी विश्व हिन्दू परिषद को पूर्व में स्वीकार नहीं किया था. ऐसे में पहली बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए उन्हें बतौर सदस्य शामिल तो कर लिया गया, लेकिन अब उन्हें पूछा भी नहीं जा रहा है.

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इसी मुद्दे पर निर्मोही अखाड़े ने कई बार पत्र लिखकर पीएमओ को आदेश के अनुसार महत्वपूर्ण रोल की मांग भी की थी, लेकिन अब तक उसका जवाब नहीं मिला. वहीं हिन्दू पक्षकार धरम दास ने भी पिछले हफ्ते दिल्ली में एक पत्र के माध्यम से पीएम से गुहार लगाई थी, जिसमें उन्हें शामिल करने और फैसले में अहमियत की बात कही थी. दिनेन्द्र दास ने कहा कि निरीक्षण के बारे मे हमें कोई जानकारी नहीं है. हमसे किसी ने इस विषय पर बात भी नहीं की. मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई है कि वे दर्शन के लिए आए हैं.

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